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    Kaal Bhairav Temple: इस मंदिर में भगवान काल भैरव की मूर्ति करती है मदिरापान, जानिए क्यों चढ़ाई जाती है शराब

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Fri, 18 Aug 2023 03:33 PM (IST)

    Kaal Bhairav Temple भगवान काल भैरव को भगवान शिव के रूद्र अवतार माना गया है। ऐसा माना जाता है कि बाबा भैरव की आराधना करने से शत्रुओं और संकट से मुक्ति मिलती है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 190 किलोमीटर दूर उज्जैन का काल भैरव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इसका एक कारण यह भी है कि यहां भगवान काल भैरव को मदिरा यानी शराब का भोग लगाया जाता है।

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    Kaal Bhairav Temple Ujjain काल भैरव को क्यों चढ़ाई जाती है शराब।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Kaal Bhairav Temple Ujjain: भगवान शिव के ही क्रोध रूप वाले अवतार के रूप में बाबा काल की पूजा होती है। हिंदू धर्म में बाबा भैरव बहुत अधिक महत्व रखते हैं। भैरव का अर्थ होता है भय का हरण करने वाला। भगवान काल भैरव शिव जी के गण और पार्वती जी के अनुचर माने जाते हैं। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है।

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    भगवान काल भैरव को तंत्र-मंत्र के स्वामी के रूप में भी जाना जाता है। उनकी पूजा में कई प्रकार के सामग्री का प्रयोग किया जाता है। लेकिन उज्जैन में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान को मदिरा अर्पित की जाती है। आइए जानते हैं कि बाबा भैरव को शराब अर्पित करने के पीछे क्या कारण है, साथ ही इसे लेकर लोगों की क्या मान्यता है।

    क्यों चढ़ाई जाती है शराब

    मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव तामसिक प्रवृति के देवता माने जाते हैं। इसलिए उन्हें मदिरा यानी शराब का भोग लगाया जाता है। इस मंदिर में शराब चढ़ाने का प्रचलन सदियों से जारी है। असल में काल भैरव के मंदिर में शराब चढ़ाना संकल्प और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसलिए लोग मदिरा चढ़ाते हैं, लेकिन इस शराब का उपभोग स्वयं नहीं करना चाहिए। इस मंदिर में रोजाना करीब 2000 बोतल शराब का भोग लगाया जाता है।

    मंदिर की चौंकाने वाली बात

    इस मंदिर में दूर-दूर से लोग बाबा भैरव के दर्शन के लिए आते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी की मंदिर में मौजूद भगवान काल भैरव की मूर्ति शराब ग्रहण करती है। पुरातत्व विभाग और वैज्ञानिक भी इस राज का पता नहीं लगा पाए। जिस कारण इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और भी बढ़ गई है। कहा जाता है कि काल भैरव मंदिर का निर्माण राजा भद्रसेन ने शिप्रा नदी के तट पर करवाया था। यह प्राचीन मंदिर अष्टभैरवों में प्रमुख कालभैरव को समर्पित है। 

    क्या है लोगों की मान्यता

    भिन्न-भिन्न मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव को शराब अर्पित करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही यह भी माना गया है कि काल भैरव के मंदिर में रविवार के दिन मदिरा चढ़ाने से व्यक्ति सभी प्रकार के ग्रह दोष भी दूर होते हैं। इसके अलावा कालसर्प दोष, अकाल मृत्यु और पितृदोष जैसी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भी लोग भगवान काल भैरव पर शराब अर्पित करते हैं।  

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'