Kaal Bhairav Jayanti 2022: भगवान काल भैरव के इस मंदिर में चढ़ाया जाता है मदिरा का प्रसाद
Kaal Bhairav Jayanti 2022 मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर काल भैरव जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन महाकालेश्वर के भक्त काल भैरव के मन्दिर जाकर पूजा-पाठ करते हैं। बता दें की उज्जैन में एक ऐसा मन्दिर है जहां भगवान को मदिरा का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Kaal Bhairav Jayanti 2022, Kaal Bhairav Temple Ujjain: हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 16 नवम्बर के दिन भगवान काल भैरव जी का जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाया जाएगा। बता दें कि प्रत्येक वर्ष काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी (Kaal Bhairav Ashtami) तिथि के दिन मनाई जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप का अवतरण हुआ था। इस विशेष दिन पर भगवान काल भैरव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही भैरवनाथ भगवान के भक्त लाखों की संख्या में देश के विभिन्न कोनों में स्थित भैरव मन्दिर में दर्शन के लिए उमड़ते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
भारत में भगवान काल भैरव के कई मन्दिर स्थापित हैं। जहां पूजा-पाठ करने के लिए और अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भक्त आते हैं। भगवान काल भैरव को तंत्र-मंत्र के स्वामी के रूप में भी जाना जाता है। उनकी पूजा में कई प्रकार के सामग्री का प्रयोग किया जाता है। लेकिन उज्जैन में एक ऐसा मन्दिर है जहां भगवान को मदिरा अर्पित की जाती है।
उज्जैन में है भगवान काल भैरव का यह प्रसिद्ध मन्दिर (Kaal Bhairav Mandir Bhairavgarh)
मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व-प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। लेकिन यहां भगवान काल भैरव का एक ऐसा मन्दिर भी स्थापित है, जिनके दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। भगवान भैरवनाथ का यह मन्दिर उज्जैन के भैरवगढ़ में शिप्रा नदी के किनारे बना हुआ है। यहां की खासियत है कि इस मन्दिर में भगवान भैरवनाथ की मूर्ति मदिरापान करती है। साथ ही यह भी मान्यता है कि उनकी पूजा के बिना बाबा महाकालेश्वर की पूजा भी अधूरी रह जाती है।
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