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Jagannath Mandir : कौन हैं भगवान जगन्नाथ? जानें कहां विराजमान हैं बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ

Jagannath Mandir यह हिंदुओं के पवित्र चार धामों में से एक धाम है। वैसे तो आपने हर जगह भगवान कृष्ण के साथ राधा को देखते होंगे लेकिन यहां पर भगवान के साथ बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम की मूर्ति दिखाई देगी।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 02:40 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 02:40 PM (IST)
Jagannath Mandir : कौन हैं भगवान जगन्नाथ? जानें कहां विराजमान हैं बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ
Jagannath Mandir : कौन हैं भगवान जगन्नाथ? जानें कहां विराजमान हैं बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ

Jagannath Mandir : हिंदू धर्म में त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु के अवातार श्री कृष्ण ही भगवान जगन्नाथ है। जगन्नाथ मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित है, इसलिए इन्हें पुरी के भगवान जगन्नाथ के नाम से जाना जाता है। जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल के आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथी को निकाली जाती है। यह हिंदुओं के पवित्र चार धामों में से एक धाम है। वैसे तो आपने हर जगह भगवान कृष्ण के साथ राधा को देखते होंगे, लेकिन यहां पर भगवान के साथ बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम की मूर्ति दिखाई देगी।

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भगवान जगन्नाथ मंदिर

जगन्नाथ मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित है। गंग वश के मिले ताम्रपत्रों के मुताबिक, मंदिर का निर्माण कलिंग राजा अनंतवर्मन चोडवंग देव ने शुरु करवाया। मंदिर के जगमोहन और विमान भाग का निर्माण 1078-1148 के दौरान हुआ। वर्तमान मंदिर का निर्माण राजा अनंग भीम ने सन 1197 ई0 में करवाया था।

जगन्नाथ रथ यात्रा

यह यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होता है, जिसमें भगवान जगन्नाथ (कृष्ण), बलभद्र (बलराम) और सुभद्रा होते हैं। इस पर्व को लगातार नौ दिनों तक धूम-धाम से मनाया जाता है। इस नौ दिनों में सभी की पूजा होती है। मान्यता है कि एक बार सुभद्रा ने द्वारिका भ्रमण की इच्छा अपने भाई श्री कृष्ण और बलराम के सामने रखी। दोनों भाई अलग-अलग रथ में बैठकर बहन को द्वारिका भ्रमण कराया था। तब से रथयात्रा की पंरपरा शुरू हो गई। इस यात्रा में दुनिया के कोने-कोने से लोग इस यात्रा में शामिल होने आते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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