Bedi Hanuman Temple: भगवान जगन्नाथ ने जंजीरों से क्यों बांधे थे हनुमान जी, बड़ी ही अद्भुत है कथा
जगन्नाथ का अर्थ है ब्रह्मांड के भगवान। ओडिशा के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, विष्णु भगवान के श्रीजगन्नाथ स्वरूप को समर्पित है। पुरी मंदिर अपनी वार्षिक रथ यात्रा के साथ-साथ और भी कई चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है, जिनका जवाब आज तक विज्ञान भी नहीं ढूंढ पाया। साथ ही इस स्थान के पास स्थित बेड़ी हनुमान मंदिर भी है, जिसकी मान्यता भी दूर-दूर तक फैली है।

Bedi Hanuman Temple ओडिशा के पुरी में स्थित है बेड़ी हनुमान मंदिर।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ओडिशा के पुरी में श्रीजगन्नाथ मंदिर स्थापित है, जिसकी मान्यता दूर-दूर तक फैली है। इस मंदिर के पास ही बेड़ी हनुमान मंदिर (Puri Hanuman temple story) भी स्थापित है, जो बहुत ही प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी की जो मूर्ति स्थापित है, उसे जंजीरों से बंधा देखा जा सकता है। इसके पीछे एक अद्भुत कथा मिलती है, चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है पौराणिक कथा (Bedi Hanuman temple mystery)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सभी देवी-देवताओं, मनुष्यों और गंधर्वों में भगवान जगन्नाथ के दर्शन की इच्छा पैदा हुई। सभी भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए पुरी धाम पहुंचे। इसी प्रकार समुद्र को भी भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने की इच्छा हुई, जिसके लिए वह मंदिर में प्रवेश कर गए। जिससे मंदिर और भक्तों को नुकसान पहुंचने लगा। तब भगवान श्रीजगन्नाथ ने पुरी धाम की रक्षा का दायित्व हनुमान जी को सौंपा।
इसलिए जंजीर से बांधा
हनुमान जी के भय से समुद्र ने मंदिर में प्रवेश करना बंद कर दिया। हनुमान जी दिन-रात मंदिर की पहरेदारी करने लगे, ताकि समुद्र अंदर प्रवेश न कर सके। ऐसे में समुद्र ने हनुमान जी को अपनी बातों में उलझाने की कोशिश करता है। समुद्र हनुमान जी से कहता है कि क्या आपको मंदिर में जातक भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने का मन नहीं करता।
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समुद्र ने उकसाया बातों में
यह सुनकर हनुमान जी को लगता है कि उन्हें भी दर्शन के लिए मंदिर में जाना चाहिए। जैसे ही हनुमान जी, भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो उनके पीछे-पीछे समुद्र भी मंदिर में प्रवेश कर जाता है। समुद्र के प्रवेश से फिर से मंदिर को हानि का सामना करना पड़ा।
तब श्रीजगन्नाथ जी ने हनुमान जी को बेड़ी से बांध दिया। ताकि उनके पीछे-पीछे समुद्र, मंदिर के अंदर न आ सके। माना जाता है कि जिस स्थान पर भगवान जगन्नाथ ने हनुमान जी को बेड़ी से बांधा था, आज वहीं पर बेड़ी हनुमान मंदिर स्थापित है।
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