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Ambaji Temple: दुर्गा माता के इस मंदिर में नहीं है कोई मूर्ति, आंखों पर पट्टी बांधकर की जाती है पूजा

गुजरात में कई ऐसे दर्शनीय स्थल हैं जहां की सुंदरता लोगों को दीवाना बना देती है। गुजरात के बनासकांठा में मौजूद अंबाजी माता मंदिर भी ऐसा ही एक मंदिर जो वास्तुकला की दृष्टि से तो अद्भुत है ही। साथ ही यह मंदिर 51 प्राचीन शक्तिपीठों में भी शामिल है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiPublished: Sat, 10 Jun 2023 02:01 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 02:01 PM (IST)
Ambaji Temple: दुर्गा माता के इस मंदिर में नहीं है कोई मूर्ति, आंखों पर पट्टी बांधकर की जाती है पूजा
Ambaji Temple in Gujarat गुजरात के बनासकांठा में अंबाजी माता मंदिर स्थित है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ambaji Temple: भारत में ऐसी कई जगह हैं जिनका अपना एक धार्मिक महत्व है। गुजरात के बनासकांठा में मौजूद अंबाजी माता का एक ऐसा मंदिर है जहां, कोई मूर्ति नहीं है। इस मंदिर में पवित्र श्री चक्र की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। ऐसी मान्यता है कि यह श्रीयंत्र सामान्य आंखों से दिखाई नहीं देता। इसलिए इसकी पूजा केवल आंखों पर पट्टी बांधकर ही की जाती है। ध्यान रहे कि इस मंदिर में फोटो लेना निषेध है।

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क्या है पौराणिक मान्यता

गुजरात के बनासकांठा में स्थित यह मंदिर नौ देवियों में से एक, अम्बा देवी को समर्पित है। इस मंदिर के पीछे एक पौराणिक मान्यता है। जिसके अनुसार, जब दक्ष द्वारा भगवान शिव के अपमान से आहत होकर माता सती ने यज्ञ-अग्नि कुंड में कूदकर अपनी प्राणों की आहुति दे थी। उसके बाद भगवान शंकर ने यज्ञकुंड से सती के पार्थिव शरीर को निकाल कंधे पर उठा लिया और दुखी हुए इधर-उधर घूमने लगे। इस बीच भगवान विष्णु ने चक्र से सती के शरीर को काट दिया। माता सती के शरीर के टुकड़े जहां-जहां गिरे वह सभी स्थान 51 शक्तिपीठ कहलाए। इस स्थान पर माता सती का हृदय गिरा था इसलिए यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है।

इस समय खूब आते हैं भक्त

हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए अंबाजी मंदिर पहुंचते हैं। खासतौर पर भद्रवी पूर्णिमा, नवरात्रि और दिवाली के दौरान यहाँ भक्तों का ताँता लगा रहता है। यह न केवल आस्था का केंद्र है बल्कि प्राकृतिक नजारों से भी भरपूर है। अंबाजी माता मंदिर के आस-पास कई पर्यटन स्थल हैं, जहाँ पर्यटक घूमने जाते हैं। यह स्थान अरावली पर्वतमाला के घने जंगलों से घिरा हुआ है। आदि मंदिर के आस-पास गब्बर हिल, कैलाश टेकरी, कुंभारिया आदि जैसे दर्शनीय स्थल भी मौजूद हैं। यहां आप आस्था के साथ-साथ पर्यटन का भी लुफ्त उठा सकते हैं। 

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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