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    Amarnath Yatra 2025: कब कर सकेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन, जानिए अमरनाथ यात्रा की तारीख

    Updated: Tue, 18 Mar 2025 11:27 AM (IST)

    अमरनाथ गुफा में बनने वाले शिवलिंग को अमरेश्वर नाम से भी जाना जाता है। हर साल जून से अगस्त तक की अवधि के बीच लोग हिमालय में स्थित पवित्र गुफा मंदिर की कठिन तीर्थ यात्रा करते हैं। माना जाता है कि अमरनाथ यात्रा (Baba Barfani darshan 2025) करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष मिलता है।

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    Amarnath Yatra 2025 कब से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा कठिन होने के साथ-साथ बेहद पुण्यकारी भी मानी जाती है। अमरनाथ की गुफा में शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है, जो बाबा बर्फानी के नाम से लोकप्रिय है। ऐसे में जल्द ही शिवभक्त बाबा बर्फानी के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त कर सकेंगे। चलिए जानते हैं कि साल 2025 में अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2025 Date) की शुरुआत कब-से होने जा रही है।

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    कब-से शुरू होगी यात्रा

    हर साल अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक द्वारा अमरनाथ यात्रा की तारीख का ऐलान किया जाता है। ऐसे में श्री अमरनाथ की पावन यात्रा  (Amarnath Yatra Start Date) साल 2025 में 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है। साथ ही यह तीर्थयात्रा 09 अगस्त 2025 को संपन्न होगी। वहीं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हो चुकी है। इस बार यह तीर्थयात्रा 37 दिनों तक चलने वाली है।

    अमरनाथ यात्रा का महत्व

    हिंदू शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि, इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से अमरनाथ की यात्रा व बाबा बर्फानी के दर्शन करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में वह मोक्ष को प्राप्त करता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस तीर्थ स्थल की यात्रा से व्यक्ति को 23 तीर्थों के दर्शन करने जितना पुण्य प्राप्त होता है। अमरनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के चरणों के आधार पर घटती और बढ़ती रहती हैं।

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    अमरनाथ की यात्रा का आरंभ आषाढ़ पूर्णिमा से होता है, जो पूरे सावन चलती है और श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन के दिन संपन्न होती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव सर्वप्रथम इस गुफा में श्रावण पूर्णिमा के दिन ही आए थे, इसलिए इस दिन पर इस गुफा के दर्शन का विशेष महत्व माना गया है। यही कारण है कि श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन ही गुफा में छड़ी मुबारक को शिवलिंग के पास स्थापित कर दिया जाता है।

    क्या है "छड़ी मुबारक"

    "छड़ी मुबारक" असल में अमरनाथ यात्रा की एक धार्मिक परंपरा है, जिसे काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस दौरान भगवान शिव से संबंधित मानी गई पवित्र गदा या छड़ी को अमरनाथ गुफा में ले जाया जाता है, जो यात्रा के समापन का प्रतीक भी है।

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    Source - 

    Shri Amarnathji Shrine Board - https://jksasb.nic.in/

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।