क्या होता है लग्न? आपका ‘राइजिंग साइन’ आपके बारे में बताता है ये बातें
आपका लग्न (What Is Lagna) या ‘राइजिंग साइन’ यह बताता है कि बाहर से लोगों को कैसे दिखते हैं और आपकी पूरी कुंडली की नींव यही बनाता है। लग्न हर दो घंटे में बदलता है इसलिए इसे सही से जानने के लिए आपका जन्म का समय एकदम पक्का होना चाहिए। चलिए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक जी (astropatri.com) से जानते हैं इसके बारे में।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। लग्न या ‘राइजिंग साइन’ वो राशि होती है जो आपके जन्म के वक्त आसमान में पूर्व दिशा में चढ़ रही होती है। यह आपकी जन्म कुंडली का पहला घर बनाता है और आपके बाहरी व्यक्तित्व, आपकी पर्सनालिटी कैसी है, और लोग आपको कैसे देखते हैं, उसकी जानकारी देता है।
इसे वैदिक ज्योतिष में लग्न के रूप में जाना जाता है और इसे आपकी जीवन यात्रा और विरासत में मिली विशेषताओं के लिए एक प्रमुख निर्णायक कारक के रूप में उपयोग किया जाता है।
लग्न होता है सबसे अहम हिस्सा (What Is Rising Sign)
असेंडेंट, जिसे हिंदी में लग्न या ‘राइजिंग साइन’ भी कहते हैं, आपकी जन्म कुंडली का पहला और सबसे अहम हिस्सा होता है। जब किसी ज्योतिषाचार्य द्वारा कुंडली बनाई जाती है, तो सबसे पहले जो राशि पहले भाव में आती है, वही आपका लग्न कहलाता है।
कुंडली में कुल 12 लग्न होते हैं, जो कि बारह भावों की संख्या के समान ही हैं। इसका सरल अर्थ यह है कि जैसे सूर्य राशि के आधार पर पूरी मानव जाति को 12 वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, उसी प्रकार लग्न के आधार पर भी संपूर्ण मानव समुदाय 12 लग्नों की श्रेणियों में आता है।
जहां लग्न वो राशि होती है जो जन्म के समय पूरब में उग रही थी, वहीं सूर्य राशि वो होती है जिसमें जन्म के समय सूर्य होता है (जो अक्सर आपकी डेट ऑफ बर्थ से पता चलती है)। चंद्र राशि यानी चंद्र लग्न वो होती है जिसमें चंद्रमा आपकी कुंडली में स्थित होता है।
लग्न को समझे (how lagna affects personality)
लग्न, कुंडली विश्लेषण के समय ज्योतिषी द्वारा देखे जाने वाला पहला और सबसे महत्वपूर्ण पक्ष होता है। पश्चिमी ज्योतिष में इसे "राइजिंग साइन" कहा जाता है, जबकि भारतीय ज्योतिष में इसे "लग्न" कहा जाता है। यह शब्द संस्कृत शब्द "संलग्न" से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है - "जुड़ा हुआ"। यह किसी ऐसी शक्ति को दर्शाता है जो जीवन भर आपके साथ गहराई से जुड़ी रहती है। रूपक रूप में कहें तो, आपका लग्न वह मार्गदर्शक शक्ति है जो आपको जीवन की यात्रा में दिशा देता है।
सभी 12 लग्न 24 घंटे के भीतर उदित होते हैं, अर्थात् प्रत्येक लग्न लगभग 2 घंटे तक रहता है। चूंकि हर लग्न 0 से 30 अंश के बीच होता है, इसलिए यदि आपका लग्न किसी राशि की शुरुआत या अंत के पास है, तो सटीक जन्म समय जानना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
लग्नों के स्वामी ग्रह (how to calculate rising sign)
प्रत्येक लग्न का एक विशिष्ट स्वामी ग्रह होता है। कुछ ग्रह एक से अधिक राशियों पर अधिकार रखते हैं।
एक सरल ज्योतिषीय उपाय यह होता है कि अपने लग्न के स्वामी ग्रह को मजबूत किया जाए। जब आपका लग्नेश बलवान होता है, तो यह सम्पूर्ण जीवन के लिए स्थिरता, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और दिशा देने में सहायता करता है।
लग्न (Ascendant) | स्वामी ग्रह (Ruling Planet) |
मेष (Aries) | मंगल (Mars) |
वृषभ (Taurus) | शुक्र (Venus) |
मिथुन (Gemini) | बुध (Mercury) |
कर्क (Cancer) | चंद्रमा (Moon) |
सिंह (Leo) | सूर्य (Sun) |
कन्या (Virgo) | बुध (Mercury) |
तुला (Libra) | शुक्र (Venus) |
वृश्चिक (Scorpio) | मंगल (Mars) |
धनु (Sagittarius) | गुरु (Jupiter) |
मकर (Capricorn) | शनि (Saturn) |
कुंभ (Aquarius) | शनि (Saturn) |
मीन (Pisces) | गुरु (Jupiter) |
लग्न vs सूर्य राशि vs चंद्र राशि
अक्सर लोग अपने ज्योतिषीय स्वभाव को लेकर भ्रमित रहते हैं, क्योंकि वे यह नहीं समझ पाते कि उनकी लग्न, सूर्य राशि और चंद्र राशि में क्या अंतर है।
पश्चिमी ज्योतिष में आपकी सूर्य राशि (Zodiac Sign) आपकी जन्मतिथि के आधार पर तय होती है। उदाहरण के लिए, नीचे दिए गए चार्ट के अनुसार -
जन्मतिथि के आधार | सूर्य राशि |
21 मार्च – 19 अप्रैल | मेष |
20 अप्रैल – 20 मई | वृषभ |
21 मई – 21 जून | मिथुन |
22 जून – 22 जुलाई | कर्क |
23 जुलाई – 22 अगस्त | सिंह |
23 अगस्त – 22 सितम्बर | कन्या |
23 सितम्बर – 23 अक्टूबर | तुला |
24 अक्टूबर – 21 नवंबर | वृश्चिक |
22 नवंबर – 21 दिसंबर | धनु |
22 दिसंबर – 19 जनवरी | कुंभ |
20 जनवरी – 18 फरवरी | मकर |
19 फरवरी – 20 मार्च | मीन |
लेकिन यह हमेशा आपकी वैदिक कुंडली में आपकी वास्तविक सूर्य राशि को नहीं दर्शाता। उदाहरण के लिए, जो व्यक्ति 27 नवंबर को जन्मा है, वह पश्चिमी प्रणाली के अनुसार धनु राशि हो सकता है, लेकिन उनकी वैदिक कुंडली में सूर्य वास्तव में वृश्चिक राशि में हो सकता है।
गलत भविष्यवाणियों की समस्या
कई लोग अनजाने में गलत राशि के लिए दैनिक, साप्ताहिक या वार्षिक राशिफल पढ़ते हैं। उदाहरण के लिए, कोई धनु राशि का राशिफल फॉलो कर रहा होता है, जबकि वास्तव में उसकी सूर्य राशि वृश्चिक होती है, उसकी चंद्र राशि कुछ और होती है, और उसका लग्न पूरी तरह से अलग राशि में होता है।
वैदिक ज्योतिष में चंद्र राशि को अधिक महत्व दिया जाता है। बड़ी पत्रिकाओं में अक्सर यह स्पष्ट किया जाता है कि भविष्यवाणी चंद्र राशि या लग्न के आधार पर बनाई गई है या नहीं।
Astropatri दृढ़ता से सुझाव देता है कि आप निम्न तीनों को अच्छी तरह जानें -
- आपका लग्न
- आपकी चंद्र राशि
- आपकी वास्तविक सूर्य राशि (जो आपके जन्मकुंडली के अनुसार होती है, न कि केवल आपकी जन्मतिथि के आधार पर)
अपना लग्न कैसे पता करें?
Astropatri.com जैसी वेबसाइटें आपको मुफ्त में अपनी जन्मकुंडली बनाने की सुविधा देती हैं। आप अपना जन्मस्थान, जन्मतिथि और समय डालकर अपना सही लग्न, चंद्र राशि और सूर्य राशि पता कर सकते हैं। इसके साथ ही किसी विद्वान ज्योतिष से भी सलाह ली जा सकती है।
लग्न की ताकत की जांच
ज्योतिषी लग्न की ताकत जानने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे:-
- लग्न के अंश (डिग्री): 0 से 5 डिग्री (बाल अवस्था) या 25 से 30 डिग्री (वृद्ध अवस्था) का लग्न आमतौर पर कमजोर माना जाता है।
- लग्न के स्वामी की स्थिति: यदि आपका लग्न स्वामी अपने राशि में, exaltation (मू्ल्य वृद्धि) में, या मित्र राशि में हो तो वह मजबूत माना जाता है।
- लग्न में ग्रहों की स्थिति: शुभ या उच्च ग्रह (जैसे सूर्य) लग्न में होने से कुंडली मजबूत बनती है।
- भाव बल: हर भाव की एक ताकत होती है जिसे भाव बल कहते हैं। यदि भाव बल अधिक होता है तो लग्न मजबूत होता है।
- शुभ दृष्टि: यदि लग्न को शुभ ग्रहों से सकारात्मक दृष्टि मिलती है तो उसकी शक्ति बढ़ जाती है।
अलग-अलग ज्योतिषी इन तरीकों का अलग-अलग संयोजन या अपनी विशेष तकनीकें उपयोग कर गहराई से व्याख्या करते हैं।
लग्न क्या दर्शाता है?
लग्न हमारे कई पहलुओं, अनुभवों और ज़िन्दगी के अलग-अलग हिस्सों को दर्शाता है। ये कुछ मुख्य बातें हैं जिन पर लग्न का असर होता है -
- शारीरिक शरीर
- सामान्य दिखावट
- सम्मान और पहचान
- खुशहाली
- गरिमा और समाज में स्थिति
- बुद्धि और सीखने की क्षमता
- ऊर्जा और ताकत
- उम्र और लंबी ज़िन्दगी
- आत्मसम्मान
- उम्र बढ़ना
- बुढ़ापे की स्थिति
- राजनीतिक झुकाव
- जन्मस्थान
- अंदरूनी शांति
- सपने
- बाल और चेहरे के गुण
- हाथ-पैर और चलने-फिरने की क्षमता
- भावनात्मक संघर्ष
- पेशा और काम
- जुआ खेलने की प्रवृत्ति
- सामाजिक कलंक
- सम्मान और आदर
- त्वचा और रंग
- नींद और आराम
- बुद्धिमानी
- धन-संपत्ति जमा करना
- बदला लेने की प्रवृत्ति
- स्वास्थ्य की सहनशीलता
- त्याग की ओर झुकाव
- काम के प्रति लगन
- पशुपालन की देखभाल
- नैतिक सच्चाई
- सामाजिक दुष्प्रचार
निष्कर्ष -
लग्न आपके जन्मकुंडली का एक मूल स्तंभ होता है। यदि आपका लग्न और उसका स्वामी (लग्नेश) मजबूत हो, तो आप जीवन की चुनौतियों का सामना गरिमा, आत्मविश्वास और मजबूती से कर सकते हैं। अपने जीवन की अनूठी दिशा को समझने का पहला क़दम है – अपने लग्न को जानना। जब आप इसे समझते हैं, इससे जुड़ते हैं और इसे मजबूत करते हैं, तब यही लग्न आपके जीवन में स्पष्टता और उद्देश्य की दिशा दिखाता है।
यह लेख Astropatri.com के अनुभवी ज्योतिषाचार्यों द्वारा विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया गया है। सुझाव या फीडबैक के लिए हमें लिखें: hello@astropatri.com.
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