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    Vrishabha Sankranti 2025: मई में कब करेंगे सूर्य देव राशि परिवर्तन? यहां जानें स्नान-दान का शुभ समय

    आत्मा के कारक सूर्य देव (Vrishabha Sankranti 2025 Date) सिंह राशि के स्वामी हैं। सिंह राशि के आराध्य जगत के पालनहार भगवान विष्णु हैं। सूर्य देव की पूजा करने से करियर संबंधी परेशानी दूर होती है। साथ ही करियर को नया आयाम मिलता है। इस दिन साधक इच्छानुसार दान करते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 30 Apr 2025 09:30 PM (IST)
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    Vrishabha Sankranti 2025: कब है वृषभ संक्रांति?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आत्मा के कारक सूर्य देव के राशि परिवर्तन तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर साधक गंगा स्नान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं। साथ ही पूजा, जप-तप के बाद अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करते हैं। सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान मिलता है। साथ ही सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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    वर्तमान समय में सूर्य देव मेष राशि में विराजमान हैं। जल्द ही सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के वृषभ राशि में गोचर करने की तिथि पर वृषभ संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन भगवान भास्कर की पूजा एवं साधना की जाएगी। आइए, सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि और स्नान-दान का समय जानते हैं-

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    सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2025)

    आत्मा के कारक सूर्य देव 15 मई को देर रात 12 बजकर 11 मिनट पर मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 15 मई को वृषभ संक्रांति मनाई जाएगी। सूर्य देव एक महीने तक वृषभ राशि में रहेंगे। इसके बाद राशि परिवर्तन कर मिथुन राशि में गोचर करेंगे।

    वृषभ संक्रांति शुभ मुहूर्त (Vrishabha Sankranti Shubh Muhurat)

    वृषभ संक्रांति पर पुण्य काल सुबह 05 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 05 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 46 मिनट तक है। इस दौरान साधक गंगा स्नान कर सूर्य देव की साधना कर सकते हैं। वहीं, पूजा के बाद आर्थिक स्थिति अनुसार दान कर सकते हैं।

    वृषभ संक्रांति शुभ योग (Vrishabha Sankranti Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथ पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इनमें शिव योग सुबह 07 बजकर 02 मिनट तक है। इसके बाद सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है, जो दिन भर है। साथ ही भद्रावास योग का भी निर्माण वृषभ संक्रांति पर हो रहा है। इन योग में स्नान कर सूर्य देव की पूजा एवं साधना करने से साधक की हर मनोकामना अवश्य ही पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 05 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 09 बजकर 47 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 06 बजकर 58 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 07 मिनट से 04 बजकर 49 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 04 मिनट से 07 बजकर 25 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।