Guru Gochar 2025: धनतेरस पर गुरु करेंगे अपनी चाल में बदलाव, सिंह राशि को मिलेगी गुड न्यूज
गुरु गोचर सिंह राशि के लिए गोचर आध्यात्मिक विकास, आत्म-चिंतन, छुपे अवसर और स्वास्थ्य में सुधार लाएगा। ऐसे में आइए एस्ट्रोलॉजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं गुरु गोचर (Guru Gochar 2025) का समय सिंह राशि के लिए कैसा रहने वाला है।

Guru Gochar 2025: गुरु करेंगे कर्क राशि में गोचर
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। 18 अक्टूबर 2025 को गुरु देव का कर्क राशि में गोचर सिंह राशि वालों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि गुरु देव द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। यह स्थान आध्यात्मिकता, विदेश से जुड़ाव और छिपी हुई शक्तियों को उजागर करता है। गुरु देव की दृष्टि चतुर्थ, छठे और अष्टम भावों पर रहने से यह गोचर आंतरिक शांति, विदेश में अवसर, स्वास्थ्य में सुधार और दैनिक जिम्मेदारियों के बेहतर प्रबंधन का योग लाएगा।
परिचय:
सिंह राशि के जातकों के लिए 18 अक्टूबर 2025 को गुरु देव का कर्क राशि में गोचर द्वादश भाव को सक्रिय करेगा, जो आध्यात्मिकता, खर्च और एकांत से जुड़ा है। प्रारंभ में यह चुनौतीपूर्ण लग सकता है, परंतु गुरु देव का उच्च स्थान इसे सकारात्मक रूप में बदल देता है। गुरु देव की दृष्टि चतुर्थ, छठे और अष्टम भावों पर घर के जीवन, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत बदलाव में संतुलन लाएगी, जिससे सिंह जातक आत्म-सुधार और आध्यात्मिक जागरण की ओर बढ़ेंगे।
करियर:
गुरु देव का कर्क राशि में द्वादश भाव में गोचर प्रारंभ में करियर की प्रगति में विलंब ला सकता है, परंतु यह छिपे हुए अवसर भी खोलेगा। विदेश में कार्यरत, कंपनियों में काम करने वाले या आध्यात्मिक क्षेत्रों में लगे जातकों को अधिक लाभ मिलेगा। गुरु देव की छठे भाव पर दृष्टि सेवा संबंधी कार्यों और कार्यस्थल पर समस्याओं के समाधान में मदद करेगी। अष्टम भाव पर दृष्टि रिसर्च, परिवर्तन या गुप्त कार्य में सहायक होगी, जबकि चतुर्थ भाव पर दृष्टि कार्य-जीवन संतुलन बनाएगी।
वित्त:
गुरु देव का कर्क राशि में गोचर खर्चों के प्रबंधन की आवश्यकता बताएगा क्योंकि द्वादश भाव खर्च से संबंधित होता है। गुरु देव के उच्च स्थान होने से यह खर्च आध्यात्मिक कार्य, यात्रा या दीर्घकालीन निवेश में उपयोगी होंगे। गुरु देव की चतुर्थ भाव पर दृष्टि से संपत्ति या अचल संपत्ति में लाभ के अवसर बन सकते हैं। छठे भाव पर दृष्टि ऋण चुकाने और वित्तीय अनुशासन में सहायक होगी, जबकि अष्टम भाव पर दृष्टि अचानक लाभ या छिपे हुए वित्तीय अवसर दे सकती है।
परिवार और रिश्ते:
गुरु देव का यह गोचर सिंह जातकों में एकांत या आध्यात्मिक जुड़ाव की भावना ला सकता है, जिससे कभी-कभी पारिवारिक निकटता प्रभावित हो सकती है। परंतु चतुर्थ भाव पर गुरु देव की दृष्टि घर में शांति और स्थिरता बनाएगी। छठे भाव पर दृष्टि से छोटे विवाद दूर होंगे और अष्टम भाव पर दृष्टि से रिश्तों में भावनात्मक गहराई आएगी। यदि धैर्य और समझदारी अपनाई जाए तो यह समय रिश्तों के लिए लाभदायक रहेगा।
स्वास्थ्य:
गुरु देव का यह गोचर द्वादश भाव में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी ऊर्जा लाएगा। यह समय पुराने रोगों से राहत पाने और समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छी आदतें अपनाने का है। छठे भाव पर दृष्टि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगी और पुरानी बीमारियों में सुधार लाएगी। चतुर्थ भाव पर दृष्टि मानसिक शांति प्रदान करेगी, जबकि अष्टम भाव पर दृष्टि योग, ध्यान और आध्यात्मिक साधना से स्वास्थ्य में सुधार करेगी।
शिक्षा:
सिंह राशि के विद्यार्थियों के लिए गुरु देव का यह गोचर अनुकूल रहेगा। द्वादश भाव पर गुरु देव की उपस्थिति ध्यान, रिसर्च और सीखने की क्षमता को बढ़ाएगी। छठे भाव पर दृष्टि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता सुनिश्चित करेगी, चतुर्थ भाव पर दृष्टि पढ़ाई का स्थिर वातावरण देगी, और अष्टम भाव पर दृष्टि गहन अध्ययन और विशेष विषयों में रुचि बढ़ाएगी। विदेश में उच्च शिक्षा के अवसर भी बन सकते हैं।
निष्कर्ष:
18 अक्टूबर 2025 को गुरु देव का कर्क राशि में गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए गहन परिवर्तनकारी समय होगा। यह समय आध्यात्मिकता, स्वास्थ्य और आत्म-विकास पर ध्यान देने का है। संयम और समझदारी के साथ इस समय का उपयोग करके सिंह जातक इस अवधि को आत्म-अन्वेषण का शक्तिशाली समय बना सकते हैं।
उपाय:
(a) गुरुवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक प्रज्वलित करें।
(b) पीले फल या चना दाल गरीबों को दान करें।
लेखक: श्री आनंद सागर पाठक, Astropatri.com, संपर्क करें: hello@astropatri.com
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