Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Budhaditya Yog 2023: शारदीय नवरात्रि में हो रहा है बुधादित्य योग का निर्माण, 5 राशियों के जातक बनेंगे धनवान

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 09 Oct 2023 01:51 PM (IST)

    Budhaditya Yog 2023 आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 18 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान 24 अक्टूबर को स्वाति और 07 नवंबर को विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके पश्चात 17 नवंबर को सूर्य देव वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।

    Hero Image
    Budhaditya Yog 2023: शारदीय नवरात्रि में हो रहा है बुधादित्य योग का निर्माण, 5 राशियों के जातक बनेंगे धनवान

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Budhaditya Yog 2023: हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष 15 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि है। इसके अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को दशहरा है। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्रि के दौरान आत्मा के कारक सूर्य देव और ग्रहों के राजकुमार बुध देव अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। वर्तमान समय में दोनों कन्या राशि में विराजमान हैं और नवरात्रि में कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य और बुध की युति से नवरात्रि में बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। इससे राशि चक्र की सभी राशियों पर शुभ प्रभाव पड़ेगा। इनमें 5 राशि के जातकों को सर्वाधिक लाभ प्राप्त होगा। आइए, इन भाग्यशाली 5 राशियों के बारे में जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र के इन 5 मंदिरों में करें भगवान गणेश के दर्शन, मनचाही मुराद होगी पूरी

    सूर्य राशि परिवर्तन

    आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 18 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान 24 अक्टूबर को स्वाति और 07 नवंबर को विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके पश्चात, 17 नवंबर को वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।

    बुध ग्रह गोचर

    ग्रहों के राजकुमार बुध देव 19 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 16 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो 18 दिनों तक बुध देव तुला राशि में विराजमान रहेंगे। इस दौरान 22 अक्टूबर को स्वाति और 31 अक्टूबर को विशाखा नक्षत्र में गोचर करेंगे। इसके पश्चात, वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।

    कन्या राशि

    कन्या राशि के जातकों के धन भाव में बुधादित्य योग का निर्माण होने जा रहा है। वहीं, बुध देव कन्या राशि में उच्च के होते हैं। अतः कन्या राशि के जातकों को सर्वाधिक मिलने वाला है। इससे कन्या राशि के जातकों के मान-सम्मान, आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होगी। साथ ही कारोबार में भी वृद्धि होगी।

    तुला राशि

    नवरात्रि के दौरान सूर्य देव और बुध देव तुला राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य और बुध की युति होने पर बुधादित्य योग का निर्माण होता है। इस योग के बनने से जातक को जीवन में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही करियर और कारोबार में तरक्की और उन्नति मिलती है। जातक अपने जीवन में ऊँचा मुकाम हासिल करता है। अतः तुला राशि के जातकों को नवरात्रि के दौरान बंपर कमाई होगी। साथ ही आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होगी।

    धनु राशि

    सूर्य और बुध देव राशि परिवर्तन के दौरान धनु राशि के जातकों के आय भाव में विराजमान होंगे। इससे धनु राशि के जातकों को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलेगी। सूर्य और बुध के तुला राशि में गोचर के दौरान धनु राशि के जातकों के कारोबार में वृद्धि होगी। इससे नवरात्रि के दिनों में बंपर कमाई होगी।

    मकर राशि

    राशि परिवर्तन के दौरान सूर्य और बुध देव मकर राशि के करियर भाव में विराजमान होंगे। इस भाव में सूर्य और बुध की उपस्थिति होने या बुधादित्य योग के निर्माण से मकर राशि के जातकों को नवरात्रि में कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलेगी। साथ ही करियर में पदोन्नति के योग हैं। धन प्राप्ति के प्रबल योग बनेंगे।

    कुंभ राशि

    राशि परिवर्तन के दौरान सूर्य और बुध देव कुंभ राशि के भाग्य भाव को देखेंगे। इसी भाव में बुधादित्य का निर्माण होगा। इस भाव में सूर्य और बुध के विराजमान होने से कुंभ राशि के जातकों की किस्मत बदल जाएगी। बिगड़े काम बनने लगेंगे।  नवरात्रि के दौरान धन प्राप्ति के प्रबल योग बनेंगे। कारोबार खूब चलेगा।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।