Budh Gochar 2025: इस राशि की होगी नई शुरुआत, जानें जीवन पर क्या पड़ेगा बुध गोचर का असर?
तुला राशि में बुध का गोचर (Budh Gochar 2025) काफी विशेष रहने वाला है। हालांकि कई सारी बातों का ध्यान भी रखना होगा। ऐसे में चलिए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक जी (astropatri.com) से जानते हैं कि बुध गोचर का सिंह से वृश्चिक राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। तुला राशि में बुध का गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। कुछ राशियों के लिए यह गोचर साहस, संवाद और भाई-बहन संबंधों को मजबूत करेगा, लेकिन कुछ प्रमुख बातों का ध्यान रखना होगा। आइए जानते हैं, इस गोचर का सिंह से वृश्चिक राशि पर क्या असर होगा?
सिंह राशि – तुला राशि में बुध गोचर – 3 अक्टूबर 2025
बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। तुला राशि में बुध का गोचर आपके तीसरे भाव में होगा। यह गोचर साहस, संवाद और भाई-बहन संबंधों को मजबूत करेगा। नवम भाव पर बुध का दृष्टि प्रभाव आपके भाग्य, उच्च शिक्षा और आध्यात्मिक विकास को प्रबल करेगा। यह ज्ञान अर्जन और क्षितिज विस्तार का समय है।
उपाय
- बुधवार को बच्चों में हरे फल वितरित करें।
- बुधवार को विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं।
कन्या राशि – तुला राशि में बुध गोचर – 3 अक्टूबर 2025
बुध आपके पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं। तुला राशि में बुध का गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। यह गोचर वित्त, वाणी और पारिवारिक जीवन को उजागर करेगा। वित्तीय योजना में सुधार और परिवार में सकारात्मक संवाद की संभावना है। अष्टम भाव पर बुध का दृष्टि प्रभाव संयुक्त निवेश में सावधानी बरतने की सलाह देता है। छुपे मामलों में परिवर्तन संभव है।
उपाय
- बुधवार को व्रत रखें और विष्णु की पूजा करें।
- जरूरतमंदों को हरी सब्जियां दान करें।
तुला राशि – तुला राशि में बुध गोचर – 3 अक्टूबर 2025
बुध आपके नवम और बारहवें भाव के स्वामी हैं। तुला राशि में बुध का गोचर आपके पहले भाव में होगा। यह गोचर आकर्षण, संवाद और व्यक्तित्व को निखारेगा। सप्तम भाव पर बुध का दृष्टि प्रभाव विवाह, साझेदारी और व्यक्तिगत संबंधों में संतुलन बढ़ाएगा। यह आत्म-अभिव्यक्ति और नए आरंभों के लिए उत्तम समय है।
उपाय
- विवाहित महिलाओं को हरी चूड़ियां भेंट करें।
- बुधवार को “ॐ बुम बुधाय नमः” का जप करें।
वृश्चिक राशि – तुला राशि में बुध गोचर – 3 अक्टूबर 2025
बुध आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। तुला राशि में बुध का गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। यह गोचर खर्च, आध्यात्मिकता और विदेश संबंधों पर ध्यान देगा। षष्ठ भाव पर बुध का दृष्टि प्रभाव विवादों के समाधान और कार्यक्षेत्र में दक्षता लाएगा। इस अवधि में आध्यात्मिक विकास विशेष रूप से बढ़ेगा।
उपाय
- प्रतिदिन तुलसी के पौधे को जल दें।
- गरीबों को औषधियां दान करें।
लेखक: श्री आनंद सागर पाठक, Astropatri.com, प्रतिक्रिया हेतु लिखें: hello@astropatri.com।
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