भाद्रपद पूर्णिमा पर इन 5 राशियों की चमकेगी तकदीर, आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा
भाद्रपद पूर्णिमा (Bhadrapada Purnima 2025) के दिन चंद्रमा कुंभ राशि में राहु के साथ रहेंगे और सूर्य सिंह राशि में केतु के साथ रहेंगे। यह योग मजबूत कर्मिक एक्सिस बनाएगा। यह आकाशीय घटना भावनात्मक गहराई कर्म का खुलासा और आध्यात्मिक शुद्धि का अवसर लाती है। कुछ लोगों को चुनौतियां मिलेंगी तो कुछ को नए मौके।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। यह चंद्र ग्रहण (Bhadrapada Purnima 2025) श्राद्ध की पावन शुरुआत पर पड़ रहा है, जिसे पितृ पक्ष भी कहते हैं। यह समय पूर्वजों को याद करने और सम्मान देने के लिए समर्पित होता है।
कुंभ राशि में चंद्रमा राहु के साथ और सिंह राशि में सूर्य केतु के साथ मिलकर यह ग्रहण कर्मिक पैटर्न्स, आध्यात्मिक ऋण और भावनात्मक परिवर्तन को सामने लाएगा। हर व्यक्ति पर इसका असर अलग-अलग होगा। इस समय उपाय और सजग रहना बेहद अहम रहेगा।
मेष – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
चंद्र ग्रहण आपके सामाजिक दायरे, महत्वाकांक्षाओं और उम्मीदों के भाव को सक्रिय करेगा। दोस्तों या प्रोफेशनल नेटवर्क में अचानक बदलाव हो सकता है। असली लक्ष्यों से दोबारा जुड़ने का मौका मिलेगा, लेकिन ग्रुप में अहंकार की टक्कर से बचना होगा। आध्यात्मिक तौर पर यह समय आपको मोह-माया छोड़कर पूर्वजों से सफलता का आशीर्वाद लेने का संदेश देता है।
उपाय
- काले तिल मिलाकर जल पितरों को अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
वृषभ – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
चंद्र ग्रहण आपके करियर के मामलों में हलचल ला सकता है। पहचान में देरी हो सकती है, लेकिन छिपे हुए मौके भी सामने आ सकते हैं। प्रोफेशनल पार्टनरशिप में धैर्य की जरूरत है। यह समय आत्मचिंतन और लंबे समय की योजना बनाने का है, जल्दबाजी से बचें। पितरों का आशीर्वाद करियर में स्थिरता देगा।
उपाय
- शाम के समय पितरों के लिए घी का दीपक जलाएं।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
मिथुन – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
यह ग्रहण आपको आध्यात्मिक और बौद्धिक लाभ देगा। यात्रा, उच्च शिक्षा और विस्तार पर ध्यान रहेगा। ज्ञान और शोध के मौके मिलेंगे, विदेश संबंध भी खुल सकते हैं। पुराने विश्वासों से भावनात्मक दूरी बन सकती है और नई सोच के लिए जगह बनेगी। पितरों का आशीर्वाद आपको बुद्धि और स्पष्टता देगा।
उपाय
- पितरों की याद में ब्राह्मणों को भोजन कराएँ।
- रोज 108 बार गायत्री मंत्र का जप करें।
कर्क – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
यह ग्रहण साझा धन, विरासत और छिपे मामलों को प्रभावित करेगा। पारिवारिक संपत्ति और कर्ज़ को लेकर मुद्दे आ सकते हैं। अचानक खर्चे भी सामने आ सकते हैं। आपकी भावनाएं गहरी होंगी, लेकिन यह आत्मा की शुद्धि का समय है। सच्चे मन से श्राद्ध करने से पितृ ऋण मुक्त हो सकते हैं और आंतरिक शांति मिलेगी।
उपाय
- काले तिल से तर्पण करें।
- पितरों की याद में सफेद मिठाई जरूरतमंदों को बांटें।
सिंह – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
ग्रहण आपके रिश्तों और साझेदारी पर असर डालेगा। भावनात्मक गलतफहमियां हो सकती हैं। लेकिन इसी के साथ साफ पता चलेगा कि असली सहयोगी कौन है। पुराने कर्म संबंध भी सामने आ सकते हैं। इस पवित्र दिन माफ करने पर ध्यान दें। पितृ अनुष्ठान रिश्तों में सामंजस्य लाएंगे।
उपाय
- पितरों के नाम पर पीले कपड़े या अनाज दान करें।
- सूर्य मंत्र का जाप करें।
कन्या – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
ग्रहण आपके स्वास्थ्य और दिनचर्या में बदलाव ला सकता है। कार्यस्थल पर अनिश्चितता हो सकती है, लेकिन छिपी हुई ताकतें भी सामने आएंगी। यह जीवनशैली सुधारने और काम-आत्मविकास में संतुलन लाने का समय है। पितरों का आशीर्वाद मानसिक और शारीरिक तनाव से उबरने में मदद करेगा।
उपाय
- पितरों की याद में गाय को हरा चारा खिलाएँ।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
तुला – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
ग्रहण आपकी रचनात्मकता, रोमांस और बच्चों पर फोकस लाएगा। कला और सृजन में बड़ी प्रेरणा मिल सकती है। भावनाओं की तीव्रता रिश्तों पर असर डालेगी। यह आध्यात्मिक अनुष्ठानों का मजबूत समय है, पूर्वजों का मार्गदर्शन छिपी प्रतिभा को निखारेगा और खुशी देगा। लेकिन निजी जीवन में जल्दबाजी से बचें।
उपाय
- श्राद्ध के दौरान ब्राह्मणों को फल अर्पित करें।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
वृश्चिक – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
ग्रहण पारिवारिक मामलों और घरेलू जीवन में भावनात्मक गहराई लाएगा। पूर्वजों की संपत्ति, घर में बदलाव या पुराने पारिवारिक मुद्दे सामने आ सकते हैं। यह मेल-मिलाप और कुल का सम्मान करने का समय है। सच्चे मन से किए गए अनुष्ठान शांति और स्थिरता देंगे।
उपाय
- पितरों की तस्वीर के सामने अगरबत्ती जलाएँ।
- लाल मसूर दान करें।
धनु – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
ग्रहण भाई-बहनों और यात्राओं से जुड़े मामलों को प्रभावित करेगा। अचानक नए खुलासे आपको नई सीख या कौशल की ओर बढ़ा सकते हैं। यह समय आध्यात्मिक पढ़ाई और पितृ ज्ञान के लिए अच्छा है। श्राद्ध अनुष्ठान परिवार की परंपराओं के जरिए दिव्य मार्गदर्शन देंगे।
उपाय
- पितरों की याद में पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएँ।
- विष्णु मंत्र का जाप करें।
मकर – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
ग्रहण से आर्थिक उतार-चढ़ाव आ सकता है। आय और खर्च अचानक बदल सकते हैं। शुरुआत में असहजता होगी, लेकिन यह समय प्राथमिकताओं को दोबारा सोचने का है। सच्चे मन से किए गए श्राद्ध से पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और आर्थिक नींव मजबूत होगी।
उपाय
- पितरों को जौ अर्पित करें।
- उनके नाम पर भोजन दान करें।
कुंभ – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) कुंभ राशि में ही हो रहा है। आपके लिए यह गहरा और परिवर्तनकारी समय है। भावनात्मक बदलाव और अचानक खुलासे होंगे। कर्मिक पैटर्न मजबूती से सामने आएँगे। यह अस्थिर करने वाला समय होगा, लेकिन आपको गहरे आत्मिक पुनर्जन्म का मौका देगा। श्राद्ध अनुष्ठान पितृ दोष दूर करेंगे।
उपाय
- श्राद्ध में सफ़ेद फूल अर्पित करें।
- "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
मीन – चंद्र ग्रहण और श्राद्ध का पहला दिन
ग्रहण आपके अवचेतन, अध्यात्म और गुप्त शत्रुओं पर असर डालेगा। सपनों में महत्वपूर्ण संदेश आ सकते हैं। पितरों का आशीर्वाद आपकी अंतर्ज्ञान शक्ति को मजबूत करेगा। एकांत या साधना आपके लिए लाभकारी रहेगी। श्राद्ध कर्मिक ऋणों की शुद्धि करेंगे और आपको सूक्ष्म पितृ ऊर्जा से जोड़ेंगे।
उपाय
- पितरों की याद में दूध दान करें।
- रोज ध्यान लगाकर वंश की शांति के लिए प्रार्थना करें।
सार
7 सितंबर 2025 का यह चंद्र ग्रहण श्राद्ध (First Shradh 2025) के पहले दिन पड़ रहा है। यह बेहद कर्मिक और आध्यात्मिक घटना है। यह भावनात्मक गहराई और अचानक बदलाव लाएगा, लेकिन साथ ही विकास, शांति और पितरों के आशीर्वाद का अवसर भी देगा। सच्चे मन से अनुष्ठान और साधारण उपाय करने से ग्रहों का संतुलन बनेगा और हर राशि इस दुर्लभ आकाशीय संयोग की ऊर्जा को अपने पक्ष में कर पाएगी।
लेखक: श्री आनंद सागर पाठक, Astropatri.com, फीडबैक के लिए लिखें: hello@astropatri.com
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