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Bhadra Vishti karana: मई महीने में भूलकर भी इन तिथियों पर न करें शुभ काम, जीवन पर पड़ सकता है बुरा असर

कई ऐसे शुभ कार्य जो गुरु और शुक्र तारा के अस्त होने पर किए जाते हैं। उन कार्यों को भद्रा विष्टि करण के समय नहीं करना चाहिए। अनदेखी करने से कार्य में सिद्धि नहीं प्राप्त होती है। साथ ही जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। इसके लिए शुभ कार्य करते समय भद्रा समय का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Mon, 29 Apr 2024 04:36 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 04:36 PM (IST)
Bhadra Vishti karana: मई महीने में भूलकर भी इन तिथियों पर न करें शुभ काम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhadra Vishti Karana: ज्योतिषीय गणना के अनुसार 01 मई को गुरु ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। हालांकि, दो दिन बाद ही गुरु अस्त हो जाएंगे। इससे पहले शुक्र ग्रह भी अस्त हो चुके हैं। इसके लिए मई महीने में विवाह हेतु लग्न मुहूर्त नहीं है। कई ज्योतिष गुरु और शुक्र तारा के अस्त होने पर शुभ कार्य न करने की सलाह देते हैं। अतः मई और जून महीने में शुभ कार्य करने से पहले अपने निकटतम ज्योतिष से अवश्य ही सलाह लें। लेकिन क्या आपको पता है कि कई ऐसे शुभ कार्य जो गुरु और शुक्र तारा के अस्त होने पर किए जाते हैं। उन कार्यों को भद्रा विष्टि करण के समय नहीं करना चाहिए। अनदेखी करने से कार्य में सिद्धि नहीं प्राप्त होती है। साथ ही जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। इसके लिए शुभ कार्य करते समय भद्रा समय का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। भद्रा मुहूर्त को शुभ कार्यों के लिए उत्तम नहीं माना जाता है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से मई महीने में भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय जानते हैं।

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विष्टि करण, मई 2024

  • 03 मई को विष्टि करण समय दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से देर रात 11 बजकर 28 मिनट तक है। इस दौरान भूलकर भी शुभ कार्य न करें।
  • 06 मई को विष्टि करण समय दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से मध्य रात्रि 01 बजकर 13 मिनट तक है। यह गणना अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार है।
  • इसके बाद 11 मई को भद्रा विष्टि करण का योग है। 11 मई को दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से मिनट से देर रात 02 बजकर 08 मिनट तक है। यह गणना भी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार है। आसान शब्दों में कहें तो 11 मई को दोपहर से लेकर देर रात यानी 12 मई को 02 बजकर 08 मिनट तक भद्रा योग है।
  • पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो 15 मई को भी भद्रा यानी विष्टि करण का साया है। इस दिन प्रातः काल 04 बजकर 21 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 19 मिनट तक भद्रा मुहूर्त है। इसके बाद 19 मई को भद्रा का अशुभ योग बन रहा है। 19 मई को देर रात 12 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 56 मिनट तक अशुभ समय है। इस समय में भूलकर भी शुभ कार्य न करें।
  • भद्रा का साया 22 मई को भी है। 22 मई को भद्रा योग शाम 06 बजकर 49 मिनट से शुरू होगा जो अगले दिन यानी 23 मई को सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगा। इस दिन भी शुभ कार्य न करें। इसके बाद 26 मई को सुबह 06 बजकर 37 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 08 मिनट तक विष्टि करण का योग है।
  • मई महीने में भद्रा विष्टि करण की अंतिम तिथि 29 मई को है। इस दिन विष्टि करण का योग दोपहर 01 बजकर 45 मिनट से लेकर देर रात यानी 30 मई को देर रात 12 बजकर 45 मिनट तक है।

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डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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