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    Parivartini Ekadashi 2024: सितंबर महीने में कब मनाई जाएगी परिवर्तिनी एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 20 Aug 2024 07:41 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi 2024) तिथि पर भगवान विष्णु संग धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ज्योतिष भी जीवन में उत्पन्न विषम परिस्थिति से निजात पाने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करने की सलाह देते हैं।

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    Parivartini Ekadashi 2024: परिवर्तिनी एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Parivartini Ekadashi 2024: हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाती है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। वैष्णव समाज के साधक एकादशी पर्व पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रख विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा (Lord Vishnu Puja Vidhi) करते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। आइए, परिवर्तिनी एकादशी की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    परिवर्तिनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Parivartini Ekadashi Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 13 सितंबर को रात 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन रविवार 14 सितंबर को रात 08 बजकर 41 मिनट पर होगा। उदया तिथि गणना के अनुसार 14 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, व्रती 15 सितंबर को सुबह 06 बजकर 06 मिनट से लेकर 08 बजकर 34 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।

    परिवर्तिनी एकादशी शुभ योग (Parivartini Ekadashi Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन संध्याकाल 06 बजकर 18 मिनट पर होगा। वहीं, रवि योग संध्याकाल 08 बजकर 32 मिनट तक है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण रात 08 बजकर 33 मिनट से हो रहा है। इस योग का समापन 15 सितंबर को सुबह 06 बजकर 06 मिनट पर होगा। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। इसके अलावा, भद्रावास और शिववास योग का भी संयोग बन रहा है।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'