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    Rama Ekadashi 2024 Date: 27 या 28 अक्टूबर, कब है रमा एकादशी? नोट करें सही डेट और शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 27 Oct 2024 09:19 AM (IST)

    हर साल कार्तिक महीने में रमा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन (Rama Ekadashi 2024 Date) मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

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    Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि (Ekadashi in october 2024) जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मनोवांछित फल पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है। रमा एकादशी कार्तिक महीने में मनाई जाती है। इस महीने में रमा और देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। वहीं, प्रतिदिन भगवान विष्णु संग तुलसी माता की पूजा की जाती है। कार्तिक मास में जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। इस शुभ अवसर पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इससे पूर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन रमा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी (Ekadashi Vrat Kab Hai) का व्रत रखा जाता है। आइए, रमा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    रमा एकादशी शुभ मुहूर्त (Rama Ekadashi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर शुरू हुई है और 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। वैष्णव समाज के अनुयायी 28 अक्टूबर को रमा एकादशी मनाएंगे। अतः सामान्य जन 28 अक्टूबर को रमा एकादशी मना सकते हैं। वहीं, 29 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 44 मिनट के मध्य साधक पारण कर सकते हैं। इसके लिए आप स्थानीय पंचांग का सहारा ले सकते हैं।

    रमा एकादशी महत्व (Rama Ekadashi Importance)

    सनातन धर्म में एकादशी पर्व का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। साथ ही भजन-कीर्तन किया जाता है। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

    पूजा विधि (Rama Ekadashi Puja Vidhi)

    कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को ब्रह्म बेला में उठें। इसके बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होने के बाद स्नान-ध्यान करें। अब आचमन कर पीले रंग का वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। अब पंचोपचार कर विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करें। इस समय भगवान विष्णु को पीले रंग का फूल और फल अर्पित करें। साथ ही विष्णु चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती अर्चना करें।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 39 मिनट पर

    चंद्रोदय- देर रात 03 बजकर 36 मिनट पर ( 29 अक्टूबर)

    चंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 39 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 39 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।