Putrada Ekadashi 2025 Date: 05 या 06, अगस्त कब है पुत्रदा एकादशी? यहां पता करें सही डेट और शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Putrada Ekadashi 2025) तिथि पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इनमें इंद्र योग का संयोग सुबह 07 बजकर 25 मिनट तक है। वहीं रवि योग का संयोग सुबह 05 बजकर 18 मिनट से सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक है। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना देवों के देव महादेव को बेहद प्रिय है। इस महीने में रोजाना भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं, सावन माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर साधक एकादशी का व्रत रख लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं।
सावन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से निसंतान दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। हालांकि, पुत्रदा एकादशी तिथि को लेकर भक्तजनों में दुविधा है। आइए, पुत्रदा एकादशी की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर हुई है। वहीं, 05 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त होगी। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है।
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वैदिक और शास्त्रों के जानकारों की मानें तो सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए निशा काल में होने वाली पूजा को छोड़कर अन्य पर्व अगले दिन मनाया जाता है। कृष्ण और शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर एकादशी व्रत का पारण किया जाता है। इसके लिए एकादशी तिथि को लेकर भक्तजनों में दुविधा रहती है।
कब रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी का व्रत?
सावन माह की पुत्रदा एकादशी का व्रत 05 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसके बाद द्वादशी तिथि है। इसके लिए 05 अगस्त को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, 06 अगस्त को पुत्रदा एकादशी का पारण किया जाएगा।
पुत्रदा एकादशी पारण समय
पुत्रदा एकादशी का पारण 06 अगस्त को किया जाएगा। इस दिन साधक सुबह 05 बजकर 18 मिनट से लेकर 07 बजकर 57 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। एकादशी व्रत का पारण अन्न दान करने के बाद किया जाता है। इसके लिए द्वादशी तिथि पर स्नान-ध्यान के बाद भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। वहीं, पूजा के बाद अन्न का दान कर व्रत खोलें।
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