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    Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की इस तरह करें पूजा, जीवन के पापों का होगा अंत

    Updated: Mon, 01 Apr 2024 05:11 PM (IST)

    हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। पंचांग के अनुसार 05 अप्रैल को पापमोचनी एकादशी व्रत किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने का विधान है। साथ ही व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पापमोचनी एकादशी के भगवान विष्णु की पूजा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है।

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    Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की इस तरह करें पूजा, जीवन के पापों का होगा अंत

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Papmochani Ekadashi 2024 Puja Vidhi: एकादशी व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। सनातन पंचांग के अनुसार, 05 अप्रैल को पापमोचनी एकादशी व्रत किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने का विधान है। साथ ही व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पापमोचनी एकादशी के भगवान विष्णु की पूजा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। आइए, पापमोचनी एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं।

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    पापमोचनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Papmochani Ekadashi 2024 Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 04 अप्रैल को शाम 04 बजकर 14 मिनट से होगी और इसका समापन 05 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर होगा। ऐसे में 05 अप्रैल को पापमोचनी एकादशी मनाई जाएगी।

    पापमोचनी एकादशी पूजा विधि (Papmochani Ekadashi Puja Vidhi)

    पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। स्नान-ध्यान करने के बाद मंदिर में भगवान विष्णु की एक छोटी मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। अब विष्णु भगवान को चंदन का लेप, फल, दीपक और धूप चढ़ाएं। साथ ही इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है। एकादशी के अगल दिन यानी द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा आदि देकर विदा करने के बाद भोजन ग्रहण करें।

    एकादशी व्रत से मिलते हैं ये लाभ

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से इंसान को भगवान विष्णु जी और मां लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके साथ ही पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से पापों का अंत भी होता है।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।