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    Mokshada Ekadashi 2025 Date: मोक्षदा एकादशी पर ग्रह-नक्षत्रों का शुभ संयोग, इस समय पूजा करने से बरसेगी कृष्ण जी की कृपा

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 06:00 PM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 1 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण की पूजा और एकादशी का व्रत रखा जाता है, साथ ही मंदिरों में गीता पाठ का आयोजन होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन शिववास योग सहित कई शुभ ग्रह-नक्षत्रों के संयोग बन रहे हैं, जिनमें भगवान कृष्ण की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और हर मनोकामना पूरी होती है।  

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    Mokshada Ekadashi 2025 Date: मोक्षदा एकादशी का धार्मिक महत्व 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 01 दिसंबर को गीता जयंती है। यह पर्व हर साल मोक्षदा एकादशी के दिन मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। वहीं, मंदिरों में गीता पाठ का आयोजन किया जाता है।

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    वैष्णव समाज के लिए मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि बेहद खास होता है। इस दिन वैष्णव समाज के अनुयायी अपने आराध्य भगवान कृष्ण की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

    ज्योतिषियों की मानें तो मोक्षदा एकादशी पर ग्रह-नक्षत्रों का शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में जग के नाथ भगवान मधुसूदन की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    मोक्षदा एकादशी शुभ योग (Mokshada Ekadashi 2025 Shubh Yoga)

    मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर शिववास योग समेत कई दुर्लभ और मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। शिववास योग प्रदोष काल में है। इस समय देवों के देव महादेव भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। वहीं, अभिजीत मुहूर्त दिन में 11बजकर 52 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है। इसके साथ ही रेवती और अश्विनी नक्षत्र का संयोग है।

    ग्रहों की स्थिति

    गीता जयंती के दिन गुरु कर्क राशि में विराजमान रहेंगे। इसके साथ ही सूर्य और मंगल धनु राशि में उपस्थित हैं। इसके अलावा, बुध तुला राशि में विराजमान हैं। मन के कारक चंद्र देव मेष राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहों का शुभ संयोग गीता जयंती पर बन रहे हैं। इन योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 07 बजे
    • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 26 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 11 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 50 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Mokshada Ekadashi 2025 Date: कब और क्यों मनाई जाती है मोक्षदा एकादशी? यहां नोट करें तिथि और शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।