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    Mokshada Ekadashi 2025: क्या मोक्षदा एकादशी पर कर सकते हैं तुलसी की पूजा, यहां पढ़ें जवाब

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 07:46 PM (IST)

    हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि एकादशी के दिन माता तुलसी, भगवान विष्णु के के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित करने या फिर उसके पत्ते तोड़ने की मनाही होती है। लेकिन आप मोक्षदा एकादशी के दिन बिना छुए भी इस तरह तुलसी की पूजा कर सकते हैं।

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    Mokshada Ekadashi 2025 Tulsi puja niyam in hindi

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2025) मनाई जाती है। इस बार 1 दिसंबर को यह एकादशी पड़ रही है। हर साल इस दिन पर गीता जयंती भी मनाई जाती है, जो श्रीमद्भागवत गीता के जन्म का प्रतीक है। इस दिन पर शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आप इस तरह से तुलसी जी की पूजा कर सकते हैं।

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    इस तरह करें तुलसी माता की पूजा

    मोक्षदा एकादशी के दिन प्रातः काल में उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। अब पूजा स्थल की साफ-सफाई कर विधिवत रूप से भगवान विष्णु की पूजा करें। इस दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल भी जरूर शामिल करें। अब शाम के समय तुलसी के पास एक घी का दीपक जलाएं और 7 बार परिक्रमा करें। साथ ही पूजा में तुलसी माता के मंत्रों का भी जप करें।

    Ekadashi ग

    तुलसी जी के मंत्र -

    1. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

    2. तुलसी गायत्री - ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।

    3. तुलसी नामाष्टक मंत्र -

    वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
    पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
    एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
    य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

    इन बातों का रखें खास ख्याल

    Tulsi Mata i

    एकादशी तिथि के दिन तुलसी में जल अर्पित करना शुभ नहीं माना जाता। न ही इस दिन तुलसी के पत्ते उतारना शुभ माना जाता है। ऐसे में भगवान विष्णु के भोग में अर्पित करने के लिए आप एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते उतारकर रख सकते हैं। इसके अलावा तुलसी के गमले में गिरे पत्तों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

    तभी मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

    एकादशी के दिन तुलसी के आस-पास साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। तुलसी के पास जूते-चप्पल, झाड़ू व कूड़ेदान जैसी चीजें न रखें। वरना इससे आपको धन की देवी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती हैं। इसके साथ ही तुलसी को गंदे या फिर जूठे हाथों से छूने से बचें। एकादशी के दिन स्नान करने के बाद ही तुलसी की पूजा करें। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।