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Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी की पूजा में जरूर करें ये आरती, घर में होगा खुशहाली का आगमन

हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी व्रत किया जाता है। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु के संग माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की आराधना करने से घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Sun, 19 May 2024 06:30 AM (IST)
Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी की पूजा में जरूर करें ये आरती, घर में होगा खुशहाली का आगमन
Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी की पूजा में जरूर करें ये आरती, घर में होगा खुशहाली का आगमन

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mohini Ekadashi 2024 Aarti: एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार मोहिनी एकादशी आज यानी 19 मई (Mohini Ekadashi 2024 Date) को है। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की आराधना करने से घर में सुख, समृद्धि का आगमन होता है। यदि आप भी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो मोहिनी एकादशी की पूजा के दौरान एकादशी माता (Ekadashi Aarti) की आरती जरूर करें। इससे जातक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।

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एकादशी माता की आरती (Ekadashi Mata Ki Aarti)

ओम जय एकादशी माता, मैया जय जय एकादशी माता।

विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ओम जय एकादशी माता।।

तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।

गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ओम।।

मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।

शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ओम।।

पौष के कृष्ण पक्ष की, सफला नामक है,

शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ओम ।।

नाम षटतिला माघ मास में, कृष्ण पक्ष आवै।

शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ओम ।।

विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,

पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ओम ।।

चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,

नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ओम ।।

शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,

नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ओम ।।

योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।

देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ओम ।।

कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।

श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ओम ।।

अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।

इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ओम ।।

पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।

रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ओम ।।

देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।

पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ओम ।।

परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।

शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्रय हरनी ।। ओम ।।

जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।

जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ओम ।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।