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    Kamika Ekadashi 2024: कामिका एकादशी पर बिल्कुल भी न करें तुलसी से जुड़ी ये गलतियां, हो सकता है नुकसान

    Updated: Fri, 26 Jul 2024 11:13 AM (IST)

    तुलसी को हिंदू धर्म में केवल एक पौधे की तरह नहीं देखा जाता बल्कि इसे देवी-देवताओं की तरह ही पूजनीय माना जाता है। भगवान विष्णु को भी तुलसी अति प्रिय मानी गई है। ऐसे में एकादशी पर तुलसी पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। एकादशी के दिन तुलसी माता के साथ-साथ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए इस बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

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    Kamika Ekadashi 2024: कामिका एकादशी पर न करें तुलसी से जुड़ी ये गलतियां।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मान्यताओं के अनुसार, सावन में आने वाली एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में इस साल कामिका एकादशी का व्रत बुधवार, 31 जुलाई 2024 को किया जाएगा। एकादशी पर तुलसी संबंधी कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, ताकि जीवन में इसके अच्छे परिणाम मिलते रहें।

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    इस बातों का रखें ध्यान

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी माता एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में भूल से भी एकादशी तिथि पर तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए।

    मां लक्ष्मी हो सकती हैं रुष्ट

    एकादशी तिथि पर तुलसी के आस-पास साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस बात का भी खास ख्याल रखें कि तुलसी के आस-पास जूते-चप्पल या फिर कूड़ेदान आदि नहीं रखना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं, जिस कारण आपको धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

    न करें ये गलती

    एकादशी के दिन तुलसी को गंदे या फिर जूठे हाथों से न छूएं। स्नान करने के बाद ही तुलसी का स्पर्श करें। इसके बाद शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और तुलसी मंत्रों का जाप करें। लेकिन इस दौरान काले कपड़े न पहनें, वरना इससे नकारात्मकता लगती है।

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    मिलेगी विष्णु जी की कृपा

    भगवान विष्णु का भोग बिना तुलसी के अधूरा माना जाता है। ऐसे में एकादशी तिथि पर विष्णु जी को भोग में तुलसी पत्र जरूर अर्पित करें। इससे साधक को तुलसी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है। एकादशी से एक दिन पहले ही तुलसी तोड़कर रख सकते हैं।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।