Varuthini Ekadashi 2025: कब और कैसे करें वरूथिनी एकदाशी का पारण, अभी नोट करें शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत किया जाता है। साथ ही अन्न धन और वस्त्र समेत आदि चीजों का दान करने का विशेष महत्व है। इस बार वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वरूथिनी एकादशी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी व्रत करने से साधक को जीवन के सभी पापों छुटकारा मिलता है। साथ ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। एकादशी के दिन चावल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल खाने से अशुभ फल की प्राप्ति होती है। वहीं, एकादशी व्रत के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण जरूर करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि व्रत का पारण न करने से पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि वरूथिनी एकादशी व्रत का पारण कब और कैसे करें?
वरूथिनी एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Varuthini Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
वरूथिनी एकादशी तिथि की शुरुआत- 23 अप्रैल को शाम 04 बजकर 43 मिनट पर
वरूथिनी एकादशी तिथि का समापन- 24 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर
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वरूथिनी एकादशी 2025 पारण टाइम (Varuthini Ekadashi 2025 Paran time)
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में वरूथिनी एकादशी का व्रत का पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय में व्रत का पारण किया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि द्वादशी तिथि पर दान करने का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन गरीब लोगों या मंदिर में श्रद्धा अनुसार दान जरूर करें।
कैसे करें पारण (Ekadashi Vrat Parana Vidhi)
द्वादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद पूजा की शुरुआत करें। देसी दीपक जलाकर आरती करें। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती करें। विष्णु चालीसा का पाठ और विष्णु मंत्र का जप करें। इसके बाद लोगों में दान जरूर करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वादशी तिथि पर दान करने से साधक को जीवन में किसी भी चीज की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।
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