Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी पर जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता

    Updated: Mon, 27 May 2024 03:07 PM (IST)

    ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। मान्यता है कि एकादशी तिथि पर श्री हरि की उपासना करने से सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।

    Hero Image
    Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी पर जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shri Hari Stotram Lyrics: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का अधिक महत्व है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। मान्यता है कि एकादशी तिथि पर श्री हरि की उपासना करने से सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष अपरा एकादशी व्रत 02 जून को किया जाएगा। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं, तो अपरा एकादशी की पूजा के दौरान श्रीहरि स्तोत्र का पाठ (Shri Hari Stotram Ka Path) करें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और जातक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। आइए पढ़ते हैं श्रीहरि स्तोत्र।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: Bada Mangal 2024: कर्ज मुक्ति के लिए साल के पहले बड़ा मंगल पर करें यह काम, होगा सभी दुखों का अंत

    ।।श्रीहरि स्तोत्र।।

    जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं

    शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं

    नभोनीलकायं दुरावारमायं

    सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥

    सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं

    जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं

    गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं

    हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥

    रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं

    जलान्तर्विहारं धराभारहारं

    चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं

    ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥

    जराजन्महीनं परानन्दपीनं

    समाधानलीनं सदैवानवीनं

    जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं

    त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥

    कृताम्नायगानं खगाधीशयानं

    विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं

    स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलं

    निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं ॥

    समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं

    जगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं

    सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं

    सुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥

    सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं

    गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं

    सदा युद्धधीरं महावीरवीरं

    महाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं ॥

    रमावामभागं तलानग्रनागं

    कृताधीनयागं गतारागरागं

    मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं

    गुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥

    फलश्रुति

    इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं

    पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:

    स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं

    जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो ॥

    यह भी पढ़ें: Rahu-Ketu Gochar 2024: राहु-केतु के गोचर से 4 राशियों की बदलेगी किस्मत, दूर होंगे सभी दुख और कष्ट

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।