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    Indira Ekadashi की व्रत थाली में इन चीजों को करें शामिल, खुशियों से भर जाएगा जीवन

    धार्मिक मान्यता है कि विधिपूर्वक इंदिरा एकादशी व्रत (Indira Ekadashi 2024 Vrat) करने से जातक को जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा से सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ सभी कार्यों में सफलता मिलती है। अगर आप जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो एकादशी पर सच्चे मन से विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 28 Sep 2024 10:38 AM (IST)
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    Indira Ekadashi 2024: एकादशी व्रत में करें इन चीजों का सेवन

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी व्रत का खास महत्व है। यह तिथि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ मानी जाती है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर इंदिरा एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत आज यानी 28 सितंबर (Indira Ekadashi 2024 Date) को किया जा रहा है। व्रत के दौरान खानपान के नियम का पालन जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि नियम का पालन न करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। ऐसे में आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी व्रत में किन चीजों का सेवन कर सकते हैं।

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    इंदिरा एकादशी डेट और शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 सितंबर (Indira Ekadashi 2024 Shubh Muhurat) को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं, इसका समापन 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी व्रत किया जा रहा है। इसके अगले दिन 29 सितंबर को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 08 बजकर 36 मिनट तक पारण करने का शुभ मुहूर्त है।

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    व्रत में इन चीजों का करें सेवन

    यदि आप इंदिरा एकादशी व्रत कर रहे हैं, तो एकादशी व्रत के नियम का पालन जरूर करें। व्रत के दौरान अन्न और चावल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आलू साबूदाने की सब्जी, दूध, दही, फल, साबूदाने की खीर, मिठाई, कुट्टू के आटे की रोटी को व्रत थाली में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा शकरकंद और मखाने को देसी घी में भूनकर भी खाया जा सकता है। व्रत के भोजन में सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि इन चीजों को ग्रहण करने से पहले प्रभु को भोग लगाएं।

    प्रभु के भोग में तुलसी के पत्ते को जरूर शामिल करें। मान्यता है कि तुलसी के पत्ते के बिना भगवान विष्णु भोग को स्वीकार नहीं करते हैं। एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही है, क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी एकादशी का व्रत रखती हैं। ऐसे में तुलसी के पत्ते तोड़ने से उनका व्रत खंडित हो सकता है। इसलिए एकादशी तिथि से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें।

    भोग मंत्र

    त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।