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    Indira Ekadashi 2024: 27 या 28 सितंबर, कब है पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी? नोट करें सही डेट एवं योग

    सनातन धर्म में आश्विन माह का विशेष महत्व है। इस माह के कृष्ण पक्ष में पितरों की पूजा की जाती है। वहीं शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2024 Date) पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 19 Sep 2024 05:17 PM (IST)
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    Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। विष्णु पुराण में निहित है कि एकादशी व्रत करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मृत्यु उपरांत साधक को उच्च लोक की प्राप्ति होती है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2024) मनाई जाती है। हालांकि, इस वर्ष इंदिरा एकादशी की तिथि को लेकर साधकों (लोगों) में दुविधा है। आइए, पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी की सही डेट जानते हैं-

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    इंदिरा एकादशी शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 27 सितंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी और रविवार 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। इंदिरा एकादशी पर सिद्ध और शिववास योग का संयोग बन रहा है।  

    कब है इंदिरा एकादशी ?

    ज्योतिषियों की मानें तो एकादशी पर्व के लिए सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इस वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकाशी 27 सितंबर को दोपहर में शुरू होगी। उदया तिथि के अनुसार, 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2024  Significance) मनाई जाएगी। साधक इंदिरा एकादशी का पारण 29 सितंबर को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 08 बजकर 36 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।  

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 10 मिनट पर

    चन्द्रोदय- देर रात 3 बजे... (29 सितंबर)

    चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 02 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 24 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 59 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।