Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Amalaki Ekadashi 2024: आमलकी एकादशी पर इस विधि से करें आंवले के पेड़ की पूजा, दूर होंगे सभी दुख-दर्द

    Updated: Mon, 18 Mar 2024 10:22 AM (IST)

    फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2024) का व्रत किया जाता है। इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं आमलकी या रंगभरी एकादशी पर आंवले के पेड़ की पूजा विधि।

    Hero Image
    Amalaki Ekadashi 2024 आमलकी एकादशी पर इस विधि से करें आंवले के पेड़ की पूजा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Amalaki Ekadashi Puja vidhi: हिंदू धर्म में आमलकी एकादशी विशेष महत्व रखती है। शास्त्रों में माना गया है कि आमलकी एकादशी का व्रत करने से 100 गाय दान करने जितना पुण्य मिलता है। वहीं, शास्त्रों में इस शुभ दिन पर आंवले के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुभ मुहूर्त (Ekadashi Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का प्रारम्भ 20 मार्च 20 रात्रि 12 बजकर 21 मिनट पर होने जा रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 21 मार्च को प्रातः 02 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार आमलकी या रंगभरी एकादशी 20 मार्च, बुधवार के दिन मनाई जाएगी।

    आमलकी एकादशी व्रत पूजा विधि

    सबसे पहले एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद विष्णु जी के समक्ष दीपक जलाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

    भगवान विष्णु की पूजा करके आंवले का भोग लगाएं। पूजा के बाद आंवले के पेड़ के नीचे कलश स्थापित करें। इसके बाद वृक्ष के पूजन के दौरान धूप, दीप, चंदन, रोली, फूल और अक्षत आदि अर्पित करें और गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराएं। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर इस कलश, वस्त्र और आंवला का दान कर दें।

    यह भी पढ़ें - Surya Dev Pujan Vidhi: इस विधि से भगवान सूर्य को दें अर्घ्य, बनेंगे सभी बिगड़े काम

    करें इस मंत्र का जाप

    आमलकी एकादशी के दिन विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा के दौरान आसन पर बैठकर ओम दामोदराय नमः, ॐ पद्मनाभाय नमः, या ॐ वैकुण्ठाय नमः इनमें से किसी एक मंत्र की कम से कम एक माला का जप करें। इससे आपके और आपके परिवार के ऊपर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहेगी।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'