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    तारीफ करें क्या इनकी

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    Updated: Sat, 10 May 2014 11:19 AM (IST)

    ये छोटी-छोटी खुशियों की ख्वाहिशमंद हैं। जरा सी तारीफ पर कुर्बान हो जाती हैं तो थोड़ी सी बेरुखी पर इनकी आंखों से गंगा-जमुना बहने लगती है। साठ का आंकड़ा पार करने के बाद भी सोलह की बनी रहना चाहती हैं। किस्सों-कहानियों का अद्भुत भंडार होती हैं। कुछ ऐसी ही होती हैं बीवियां।

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    बीवी वह है, जो अपने पति को बदलने के लिए जिंदगी भर एडी-चोटी का जोर लगाती है और जब वह पूरी तरह बदल जाता है, कहती है, हाय, तुम कितना बदल गए! ऐसी ही होती हैं बीवियां। जरा-जरा सी बात पर छलकने को तैयार, शॉपिंग के लिए हरदम मचलने को तैयार, मायके का गुणगान गातीं और उम्र को हर पल घटातीं..। जरा और करीब से जानें इन्हें।

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    शॉपिंग फ्रीक

    शॉपिंग के लिए ऑलवेज तैयार रहती हैं स्त्रियां। कितना भी सिरदर्द-पेटदर्द हो, शॉपिंग के नाम पर सारे दर्द गायब हो जाते हैं। पति के वॉलेट में सेंध लगाने में महारत होती है इन मोहतरमाओं को। इनकी एक बार की शॉपिंग में पति की महीने भर की गाढी कमाई भले चली जाए, मगर बीवी के चेहरे पर जो संतुष्टि और मुस्कान आती है, उसकी तुलना में यह त्याग बडा कम है।

    फायदे

    शॉपिंग ऐसी कुंजी है, जो रूठी बीवी के दिल के दरवाजे पर पडा ताला खोल सकती है। पत्नी नाराज है तो शॉपिंग के लिए बोल दें, उसके चेहरे पर हंसी आ जाएगी और वह कोप-भवन से निकल कर सीधी ड्रेसिंग रूम पहुंच जाएगी।

    नुकसान

    शॉपिंग से बीवी तो खुश हो जाती है, मगर पति का वॉलेट खाली हो जाता है। फिर शुरू होता है-ओवरटाइम का सिलसिला। उस पर भी बीवी की शिकायत कि अब तो आप मुझ पर ध्यान ही नहीं देते..कोई और पसंद आ गई है क्या?

    टियर्स क्वीन

    आइ हेट टियर्स पुष्पा.. राजेश खन्ना वाला डायलॉग किसी काम नहीं आएगा, अगर इनका रोना शुरू हो जाएगा। कब कौन सी बात दिल को चुभ जाए, यह तो ब्रह्मा भी नहीं जानते! एक बार रुलाई फूट पडे तो पति के पूरे खानदान की शामत आ जाएगी। इनके आंसुओं में पूरा घर डूब जाएगा। यह पति पर है कि आंसुओं की वैतरणी कैसे पार करे। पति वही सफल है, जो बीवी की आंखों में आंसू न आने दे।

    फायदे

    आंसुओं की बारिश के बाद मौसम बिलकुल साफ हो जाता है, मगर सन्नाटा पसर जाता है घर में। जब तक सन्नाटा रहेगा, बीवी के तानों-उलाहनों, शिकायतों से बचे रहेंगे।

    नुकसान

    चुप्पी लंबे समय तक चली तो दोबारा बारिश हो सकती है। लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि वह प्याज काट रही हों और पति को लगे रो रही हैं। इसलिए मनाने के लिए सही समय और मौके को तलाश करना पति-धर्म है।

    स्वीट सिक्सटीन

    सोलह बरस की बाली उमर से बाहर कौन कम्बख्त स्त्री आना चाहेगी भला! अगर 16 से बाहर निकलेंगी भी तो 30 पर ठिठक जाएंगी। इसके बाद 40 तक गाडी हर स्टेशन पर दो-तीन साल के लिए ठहर जाएगी। बालों का क्या है, ये तो बस यूं ही पर्पल, बर्गडी और डार्क ब्राउन हुए हैं। पति साठ पार कर जाएं मगर बीवी स्वीट सिक्सटीन ही रहेगी।

    फायदे

    तुम तो आज भी कॉलेज स्टूडेंट लगती हो, इतना कह दें, अपनी फरमाइशें मनवा लें। किसी मेहमान को दावत देना चाहते हों तो स्वीट 16 वाला जुमला बीवी की तरफ उछाल दें, फिर देखें कमाल!

    नुकसान इधर तारीफ की और उधर वो सीधे बेटी की ड्रेस पहन कर सामने आ जाएंगी। ऐसे में अपना सिर पीट लेने के सिवा कोई चारा नहीं रहेगा। अब उन्हें जता भी नहीं सकते कि यह बच्चों वाली ड्रेस उन पर कितनी फब (नहीं) रही है।

    जुनून-ए-टीवी

    बच्चे का होम वर्क कराना भले ही भूल जाएं, मगर सात बजे वाला शो नहीं भूलतीं ये। सीरियल की नायिका से ज्यादा ही प्रभावित होती हैं। सीरियल कभी छूट जाए तो तुरंत दोस्त को फोन करके अपडेट पूछेंगी, जरा बताना, उसके पति का जिस औरत से चक्कर था, उस औरत के पति का चक्कर किससे चल रहा था?

    फायदे

    जितनी देर सीरियल चलेगा, घर में शांति रहेगी। बाकी लोगों की जिंदगी उतनी देर शांति से बीतेगी। एक फायदा यह भी है कि सीरियल-प्रेमी बीवी पति के क्रिकेट प्रेम को बर्दाश्त कर लेती है। बशर्ते सीरियल और क्रिकेट की टाइमिंग अलग-अलग हो। पति को कुछ यूं कहना होगा, तुम मुझे क्रिकेट दो, मैं तुम्हें सीरियल दूंगा।

    नुकसान

    सीरियल में सब ठीक चलेगा तो इनका मूड सही रहेगा, मगर जैसे ही नायिका का पति उसे छोड देगा, इनका मूड अपसेट हो जाएगा। ऑफिस से लौटते ही आंसू भरा चेहरा लेकर पूछेंगी, सुनो जी, कहीं तुम भी तो मुझे छोड कर..। आंसुओं में भीगी रात के कारण अगले दिन ऑफिस में उबासियां लेते रहेंगे।

    काबिले-तारीफ

    हर स्त्री तारीफ की हकदार है। यह उसका जन्मसिद्ध अधिकार है कि पति रोज दिन में कम से कम चार बार नियमपूर्वक उसकी तारीफ करे। तुम कितनी सुंदर हो.., ओह तुमने कितना वेट लूज कर लिया है! यह ड्रेस तुम पर बहुत सूट कर रही है.. ऐसी तारीफ रोज-रोज करने से पत्नी का मूड अच्छा रहता है। जब तुम हंसती हो-बहुत खूबसूरत दिखती हो, कुछ-कुछ दिनों के अंतराल से यह डायलॉग बोलते रहें तो बीवी का गुस्सा काबू में रहता है।

    फायदे

    कोई बात मनवानी हो तो बस तारीफ की चाशनी में डुबोए हुए कुछ जलेबीनुमा शब्द छानें, बिना ना-नुकर किए वह मान जाएंगी। तारीफ करते रहेंगे तो नाश्ते से डिनर तक सब कुछ पसंद का मिलता रहेगा। अपने माता-पिता को घर बुलाना हो या दोस्तों को दावत देनी हो, यही पत्नी-प्रशंसा रंग लाएगी।

    नुकसान

    मोबाइल में अलार्म सेट कर लें ताकि समय-समय पर तारीफ की डोज पत्नी को देते रहें। गलती से कभी सच्चाई मुंह से निकल जाए तो खैर नहीं। मान लें, उसने पूछा मैं इस ड्रेस में मोटी तो नहीं लग रही हूं? इसका जवाब होगा, नहीं, तुम तो स्लिम लग रही हो..। अगर सही बात मुंह से निकल गई तो नाश्ता, लंच और डिनर सब टेबल से हट जाएगा।

    चैटर बॉक्स

    पाक कला में हो या न हो, वाक कला में हर स्त्री दक्ष होती है। मां या सहेली का फोन आ जाए तो बातों के सिलसिले में वह भूल ही जाएगी कि चूल्हे पर रखी सब्जी कोयला हो चुकी है या डायनिंग टेबल पर आधे परोसे खाने के साथ घर के सारे सदस्य बात खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। शादी के शुरुआती दिनों में पति को इस चैटर बॉक्स पर बडा प्यार आता है। नई-नवेली दुलहन की आवाज कोयल की तरह सुनाई देती है, मगर साल दर साल कोयल की कूं-कूं कांव-कांव में बदलती जाती है।

    फायदे

    बातूनी पत्नी कभी अकेलेपन की शिकायत नहीं करती। यह जहां भी रहेगी, दो-चार दोस्त ऐसे बना ही लेगी, जो इस चैटर बॉक्स को झेलते रहें। आधुनिक टेक्नोलॉजी ने एक छोटा सा डिवाइस इनके हाथ में क्या थमा दिया कि दुनिया इनकी मुट्ठी में आ गई है। वह वॉट्सऐप पर बिजी है तो पति को भी आजादी रहती है कि वह फेसबुक-ट्विटर करता रहे।

    नुकसान

    सुबह-सुबह किसी का फोन आ गया तो समझें पति का दिन बर्बाद हो गया। न ब्रेकफस्ट मिलेगा, न लंच पैक होगा। दफ्तर लेट पहुंचेंगे तो बॉस की घूरती आंखें सवाल करेंगी, फिर से लेट? मन तो करेगा कि बीवी के हाथ से सेलफोन छीन लें। कुछ कहने पर चैटर बॉक्स टियर्स क्वीन में बदल जाएगी और फिर उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।

    मायका महान

    मायके की तो हर चीज प्यारी होती है। मां के गहनों-साडियों से लेकर उनकी सैंडल्स तक, घर की ईट से लेकर इंटीरियर तक सब अच्छा होता है। भैया-भाभी, दीदी-जीजू महान होते हैं। वहां की तो काम वाली बाई तक ससुराल की बाई से ज्यादा समझदार होती है।

    फायदे

    पति चाहे तो अथ श्री पीहर कथा का फायदा उठा सकता है। पत्नी कुछ मांगे तो झट से कहे, यह तो तुम्हारे शहर में अच्छी मिलती है..इसे तो तुम्हारी मां ही ज्यादा समझ सकती हैं..। जिम्मेदारियों से बचने के लिए इसे टूल बनाया जा सकता है।

    नुकसान

    पत्नी हर बात पर पति की तुलना अपने पापा से करती है और पति बेचारा हीन-भावना से ग्रस्त होता रहता है। वह कितना भी महान क्यों न हो, पर बीवी को पिता के आगे उसकी महानता तुच्छ ही लगेगी। उसका बस चले तो पति को अपने पिता के यहां ट्रेनिंग लेने भेज दे..।

    इंदिरा राठौर