प्यार के साइड इफेक्ट्स
कहते हैं प्यार हर मर्ज की दवा है। जाहिर है, दूसरी दवाओं की तरह इसका ओवर डोज भी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होता है। आइए जानते हैं प्यार के साइड इफेक्ट ...और पढ़ें

यह सच है कि इश्क-मोहब्बत पर किसी का जोर नहीं चलता। प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है। जब तक लोग अकेले होते हैं, इसके पीछे भागते हैं और जब प्यार हो जाता है तो यह सोचकर परेशान होते हैं कि अरे! ये क्या हो गया? समय के साथ प्यार अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। प्रेम में पडकर कोई बहुत ज्यादा खुश होता है तो कोई उदास हो जाता है। प्यार का विटमिन रु अलग-अलग लोगों की सेहत को अलग ढंग से प्रभावित करता है। आाइए जानते हैं इसके साइड इफेक्ट्स और उपचार के बारे में :
रातों की नींद उडना
प्यार रातों की नींद और दिन का चैन उडा देता है। लोग हरदम अपने आशिक/माशूक के खयालों में खोए रहते हैं। आंखों में जब चाहने वाले की तसवीर बसी हो तो फिर नींद के लिए जगह कहां होगी? ..पर नींद न आने से सिरदर्द, याद्दाश्त में कमी और व्यवहार में चिडचिडापन जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं।
एक्सपर्ट की सलाह : प्यार में अकसर ऐसा होता है, लेकिन इसके लिए अपनी नींद ख्ाराब न करें। रात को आठ घंटे की गहरी नींद आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। प्यार के साथ अपनी सेहत का भी खयाल रखें। नींद पूरी न होने से आपके करियर/पढाई पर बुरा असर पडेगा। जरा सोचिए, अगर प्यार के शुरुआती दौर में ही आप थके-थके और बीमार नजर आने लगेंगे तो फिर आगे क्या होगा? आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी आप भला तो जग भला। इसलिए सबसे पहले अपना खयाल रखें।
दिल पर बिल का बोझ
प्यार का यह साइड इफेक्ट अकसर लडकों को ही झेलना पडता है। चाहे मोबाइल हो या शॉपिंग। हर तरह के बिल का बोझ आशिक को उठाना ही पडता है। प्यार किया है तो चुकाना पडेगा..गुनगुनाते हुए वह हर बिल का पेमेंट मुस्तैदी से करता है। बजट का ऐसा बुरा हाल होता है कि महीने के अंत में दोस्तों से उधार मांगने की नौबत आ जाती है।
एक्सपर्ट की राय : प्यार के साथ उपहार का गहरा नाता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि आप हमेशा महंगे गिफ्ट दें। उपहार की कीमत नहीं, बल्कि देने वाले की भावनाएं ज्यादा अहमियत रखती हैं। वह आपकी भावनाएं समझती है तो अच्छी बात है। यह न भूलें कि उपहार की कीमत पर नजर रखने वालों का प्यार सच्चा नहीं होता। जहां तक मोबाइल के बिल का सवाल है तो आपस में मिलकर बातचीत की एक निश्चित अवधि निर्धारित कर लें और इस नियम का पूरी तरह पालन करें। आजकल सस्ते टॉक टाइम के कई आकर्षक ऑफर आप जैसे प्रेमियों के लिए ही दिए जाते हैं। मार्केट रिसर्च करके उनका पूरा फायदा उठाएं।
बीमारी शक की
प्रेम में पडने के बाद लडकियों में यह समस्या ज्यादा नजर आती है। वे आशिक को निजी संपत्ति समझने लगती हैं। उन्हें हमेशा इसी बात की चिंता सताती रहती है कि कहीं मेरा प्यार खो न जाए। उनकी चौकस निगाहें हमेशा यही पता लगाने की कोशिश करती हैं कि कहीं वह किसी दूसरी लडकी से बातें तो नहीं कर रहा। सोशल नेटवर्किग साइट्स पर अपने आशिक की फ्रेंड लिस्ट में किसी नई लडकी की प्रोफाइल देखकर वे चौंक जाती हैं और उसके बारे में अपने ब्वॉय फ्रेंड से ढेरों सवाल पूछ डालती हैं। अगर ब्वॉयफ्रेंड एक दिन भी फोन न करे तो लडकी को पक्का यकीन हो जाता है कि उसे कोई और पसंद आ गई है।
एक्सपर्ट की राय : मन की प्रवृत्ति बहुत चंचल है। उसे बांधकर रखना असंभव है। अगर आपके प्रेमी को सचमुच कोई और पसंद आ जाएगी तो लाख कोशिशों के बावजूद क्या आप उसे जाने से रोक पाएंगी? ..नहीं न। तो फिर अभी से यह सोचकर परेशान होने से क्या फायदा? इस संबंध में ओशो ने बिलकुल सही कहा है कि प्रेम एक-दूसरे को बंधन में बांधे रखने के बजाय आजादी देने का नाम है। अपने प्यार को जकड कर रखने के बजाय उसे खुला छोड दें। अगर उसमें सच्चाई होगी तो वह खुद-ब-खुद आपके पास लौट आएगा/आएगी। अगर ऐसा नहीं होता तो उस प्यार को भूल जाने में ही भलाई है।
बार-बार फोन करना
ज्यादातर लडकियों में यह समस्या देखने को मिलती है। एक बार लडके ने प्रपोज क्या किया वे उसके साथ पारंपरिक पत्नी की तरह व्यवहार करने लगती हैं। हर पांच मिनट बाद फोन या मेसेज करके यह पूछना कि क्या कर रहे हो? खाना खाया कि नहीं? शाम को कब मिलोगे? ऐसे ही असंख्य सवालों की झडी लगा देती हैं, लडकियां। हालांकि, अपवाद स्वरूप कुछ लडके भी ऐसा करते हैं।
एक्सपर्ट की सलाह : कोई भी इंसान अपने प्रेमी/प्रेमिका की इतनी रोक-टोक पसंद नहीं करता। यह न भूलें कि आप जिससे प्यार करते/करती हैं, उसे अपने लिए भी थोडा पर्सनल स्पेस चाहिए। हो सकता है कि वह किसी जरूरी मीटिंग में हो या ड्राइव कर रहा हो। ऐसे अगर वह आपका फोन रिसीव न कर पाए तो इस छोटी सी बात को मुद्दा न बनाएं। अपने प्यार की सहजता बनाए रखने के लिए एक-दूसरे की परेशानियों को समझने की कोशिश करें।
देवदास सिंड्रोम
प्यार का यह साइड इफेक्ट ज्यादातर लडकों में ही नजर आता है। लडकी ने जरा सी बेरुखी क्या दिखाई, शीशे के की तरह आशिक महोदय का दिल टूट कर चकनाचूर हो जाता है। गहरी उदासी में डूबे रहना, दर्द भरी गजलें सुनना, गम गलत करने के लिए शराब और सिगरेट की शरण में जाना .. बेतरतीबी से बढी हुई दाढी और बिखरे बाल, दिल कहीं, दिमाग कहीं, न खाने-पीने की सुध, न सोने-जागने का कोई तय समय.मजाक की बात नहीं। वाकई यह प्यार का सबसे गंभीर साइड इफेक्ट है, जिसकी वजह से कई बार लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं।
एक्सपर्ट की राय : यह न भूलें कि प्यार आपको खुशी देने के लिए है। जब आपको प्यार के बदले दुख और बेवफाई मिले तो ऐसा प्यार आपके लिए बेकार है। कोई भी रिश्ता जिंदगी से बडा नहीं होता। इसलिए ब्रेकअप के बाद आंसू बहाने से कुछ भी हासिल नहीं होता। एक रिश्ता टूटने से जिंदगी वहीं ठहर नहीं जाती। जितनी जल्दी हो सके पुरानी बातें भूलकर अपने कामकाज में व्यस्त रहने की कोशिश करें। उन कार्यो के लिए समय जरूर निकालें, जिनसे आपको सच्ची खुशी मिलती है। आजकल लडकियां देवदास टाइप लडकों को पसंद नहीं करतीं। इसलिए अपनी सेहत, फिटनेस और पहनावे पर विशेष ध्यान दें। हो सकता है कि जीवन के अगले मोड पर खुशियां आपका इंतजार कर रही हों।
सौंदर्य के प्रति अतिशय सजगता
वैसे तो आजकल लडकों में भी प्यार का यह साइड इफेक्ट नजर आने लगा है, लेकिन मुख्यत: लडकियां ही इसकी शिकार होती हैं। ब्यूटी पार्लर के चक्कर काटना, डेट पर जाते समय तैयार होने में घंटों लगाना.ब्यूटी प्रोडक्टस, आउटफिट्स और एक्सेसरीज पर बेतहाशा खर्च करना आदि कई ऐसे लक्षण हैं, जो प्यार के इस साइड इफेक्ट की ओर इशारा करते हैं।
एक्सपर्ट की राय : बनने-संवरने में कोई बुराई नहीं है। हां, इतना जरूर ध्यान रखें कि इसका आपकी पढाई, करियर और बजट पर कोई बुरा प्रभाव न पडे। अंत में सबसे जरूरी बात, अच्छी सेहत में ही सौंदर्य का राज छिपा होता है।अगर आप स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगी तो बिना किसी मेकअप के भी बहुत सुंदर दिखेंगी।
(मनोवैज्ञानिक सलाहकार अनु गोयल से बातचीत पर आधारित)
विनीता

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।