सखी इनबॉक्स
सखी मेरी प्रिय पत्रिका है। मैं पिछले पांच वर्षों से इसकी नियमित पाठिका रही हूं। मेरे व्यक्तित्व को संवार कर उसे आत्मविश्वास से परिपूर्ण बनाने में इसका बहुत बड़ा योगदान है। सौंदर्य और फैशन से जुड़ी जानकारियां मेरे बाहरी व्यक्तित्व को निखारने का काम करती हैं मनोविज्ञान पर आधारित लेख

सखी मेरी प्रिय पत्रिका है। मैं पिछले पांच वर्षों से इसकी नियमित पाठिका रही हूं। मेरे व्यक्तित्व को संवार कर उसे आत्मविश्वास से परिपूर्ण बनाने में इसका बहुत बडा योगदान है। सौंदर्य और फैशन से जुडी जानकारियां मेरे बाहरी व्यक्तित्व को निखारने का काम करती हैं मनोविज्ञान पर आधारित लेख मेरा आत्मविश्वास बढाते हैं। इसमें प्रकाशित रेसिपी काड्र्स की वजह से ही कुकिंग में मेरी दिलचस्पी पैदा हुई। मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं। ससुराल में लोग मुझे सबसे अच्छी बहू का दजर्ा देते हैं और इसका सारा श्रेय सखी को जाता है।
ममता, दिल्ली
सखी मेरी प्रिय पत्रिका है। इसका अगस्त अंक देखकर दिल ख्ाुश हो गया। कवर स्टोरी 'मुश्किलों से निकलेगी राह, में एक ऐसे सम सामयिक मुद्दे को उठाया गया है, जिसकी ओर बहुत कम लोगों का ध्यान जाता है। देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, पर सुविधाएं न होने की वजह से उन्हें आगे बढऩे का मौका नहीं मिल पाता। इसके अलावा लेख 'टैटू बनवाने में बरतें सावधानी पढकर कई उपयोगी बातें जानने को मिलीं।
सारिका मिश्रा, जयपुर
अगस्त माह में प्रकाशित सखी का हेल्थ एंड वेलनेस स्पेशल मेरे पूरे परिवार के लिए कंप्लीट हेल्थ गाइड साबित हुआ। लेख 'कई बीमारियों की जड है हाई ब्लडप्रेशर मेरे पति के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ क्योंकि वह हाई बीपी की समस्या से परेशान रहते हैं। लेख सही 'फुटवेयर रखे आपका ख्ायाल मैंने ख्ाास तौर से अपनी कॉलेज जाने वाली बेटी को पढवाया। वह अकसर अपने लिए गलत फुटवेयर का चुनाव करती थी, जिससे उसके पैरों में दर्द हो जाता था। आशा है आने वाले अंकों में भी ऐसी ही जानकारीपूर्ण रचनाएं पढऩे को मिलेंगी।
मृदुला सिन्हा, पटना
आकर्षक कवर से सुसज्जित सखी के अगस्त अंक में उत्कृष्ट रचनाओं और सुरुचिपूर्ण साज-सज्जा का बहुत सुंदर समन्वय देखने को मिला। लेख 'भ्रांतियां छोडें समग्रता में अपनाएं योग पढऩे के बाद मैंने योगाभ्यास को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। लेख 'बदलते मौसम में रखें ख्ायाल पढऩे के बाद अब मैं ई.एन.टी.संबंधी समस्याओं प्रति सजग हो गई हूं। इतने अच्छे विशेषांक के लिए आप हमारी बधाई स्वीकारें।
आभा शर्मा, मेरठ
मैं पहले अंक से ही सखी की नियमित पाठिका हूं और मेरे पास इसके सभी अंकों का संकलन है। पत्रिका का अगस्त अंक लाजवाब था। इसमें सेहत संबंधी सभी रचनाएं पठनीय थीं। मैं अकसर पीठ के दर्द से परेशान रहती हूं। ऐसे में लेख 'पीठ की सेहत रहे ठीक मेरे लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ। 'आस्था के अंतर्गत श्रावण मास के बारे में बहुत अच्छी बातें जानने को मिलीं। पत्रिका के उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
सुनीता रानी, लखनऊ
मुझे प्रतिमाह बेसब्री से सखी का इंतजार रहता है। पत्रिका का अगस्त अंक मेरे लिए अनमोल जानकारियों का ख्ाजाना लेकर आया था। लेख 'दवाएं बढा सकती हैं वजन पढऩे के बाद मैं अपनी सेहत के प्रति ज्य़ादा सचेत हो गई हूं। पहले मामूली सर्दी-जुकाम होने पर भी मैं अपने मन से एंटीबायोटिक्स ले लेती थी, पर अब मुझे मालूम हो गया है कि मेरी यह आदत सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। 'घर की थाली के अंतर्गत दी गई चावल की रेसिपीज को मैंने भी आजमाया। कहानी 'एक नए मोड की तलाश दिल को छू गई। अन्य स्थायी स्तंभ भी रोचक थे।
शोभा पांडे, जबलपुर
सखी का अगस्त अंक देखा। पत्रिका यह अंक उम्दा रचनाओं से भरपूर था। 'हेल्थ वॉच में दी गई जानकारियां हमेशा की तरह रोचक और जानकारीपूर्ण थीं। मेरे परिवार में सभी को चावल बहुत पसंद है। 'घर की थाली के अंतर्गत दिए गए चावल के विविध व्यंजन मेरे लिए बहुत उपयोगी साबित हुए। कहानियां भी मर्मस्पर्शी थीं।
नेहा अग्रवाल, कोटा
मेरी मम्मी सखी की नियमित पाठिका हैं और उनके साथ मुझे भी यह पत्रिका पढऩे की आदत पड गई है। अगस्त अंक में प्रकाशित लेख 'मेकअप करें ध्यान से पढकर मेकअप के सही तरीके के बारे में कई नई बातें जानने को मिलीं। मैं अर्जुन कपूर की फैन हूं। पत्रिका के इस अंक में अपने फेवरिट ऐक्टर का इंटरव्यू देखकर मेरा दिल ख्ाुश हो गया। 'फैशन फंडा के अंतर्गत शीयर आउटफिट्स के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी गई थी।
उपासना शर्मा, दिल्ली
अगस्त के महीने में प्रकाशित सखी का हेल्थ एंड वेलनेस स्पेशल अंक मेरे लिए वरदान साबित हुआ। इसमें सेहत से संबंधित उत्कृष्ट रचनाओं का चयन किया गया था, जो सभी पाठिकाओं के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगी। 'उपभोक्ता कानून में दी गई सलाह से मैं भी सहमत हूं कि हमें नीम हकीमों से दूर रहना चाहिए। लेख 'बहनें करती हैं भाइयों का बचाव में सही कहा गया है कि बहनों के दिल में अपने भाई के लिए असीम प्यार छिपा होता है।
मंजू द्विवेदी, वाराणसी
सखी का अगस्त रंग-बिरंगे फूलों से सजे सुंदर गुलदस्ते की तरह था, जो अपनी उत्कृष्ट रचनाओं की ख्ाुशबू बिखेर रहा था। लेख 'ख्ातरे को पहचानें के माध्यम से पाठिकाओं को ब्रेस्ट कैंसर के ख्ातरे से आगाह किया गया था। इस गंभीर बीमारी के प्रति अभी भी स्त्रियों में जागरूकता नहीं है। 'घरेलू नुस्ख्ो पढ कर मुझे अमरूद के फायदे के बारे में मालूम हुआ। लेख 'त्योहार सावन की बंूदों के के माध्यम से सावन के महीने में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में कई दिलचस्प बातें जानने को मिलीं।
प्रेरणा गर्ग, सहारनपुर
सखी का अगस्त अंक बेहतरीन रचनाओं से भरपूर था। फीचर आलेख 'दोस्ती का मौसम है सदाबहार के माध्यम से युवा पाठकों के विचारों से रूबरू होने का अवसर मिला। लेख 'जरूरी है सावधानी पढकर होम लोन से जुडी कई भ्रांतियां दूर हो गईं। लेख 'स्वस्थ जीवनशैली से संभव है बचाव में यूटरिन फाइब्रॉयड के बारे में बहुत उपयोगी जानकारियां दी गई थीं। मुझे पत्रिका के अगले अंक की बेसब्री से प्रतीक्षा रहेगी।
प्रिया जैन, इंदौर
सखी के अगस्त अंक में प्रकाशित कवर स्टोरी 'मुश्किलों से निकलेगी राह, में महिला खिलाडिय़ों के सामने आने वाली मुश्किलों को बहुत अच्छे ढंग से उठाया गया है। इस आलेख ने देश में लडकियों के प्रति घर, समाज व खेल के क्षेत्र में उपेक्षापूर्ण रवैये की पोल खोल दी। हमारे देश में अव्यवस्था के कारण महिला खिलाडिय़ों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिलता। लेख 'हरी-निखरी बगिया मेरे नए बगीचे को संवारने में मददगार साबित हुई। कहानी 'मिर्च-मसाला मर्मस्पर्शी थी। 'खट्टी-मीठी ने हंसने पर मजबूर कर दिया।
मनिकना मुखर्जी, झांसी
सखी हमेशा से मेरी मार्गदर्शक रही है। इसकी रचनाओं में परंपरा और आधुनिकता का बहुत सुंदर समन्वय देखने को मिलता है। पत्रिका का अगस्त अंक भी लाजवाब था। सेहत संबंधी सभी लेख हमारे पूरे परिवार को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार होंगे। लेख 'कुदरती देखभाल से खिल उठेगा रूप में प्राकृतिक तरीके से सौंदर्य की देखभाल के बारे में अच्छी जानकारियां दी गई थीं। 'जायका के अंतर्गत दी गई कबाब की रेसिपीज भी लाजवाब थीं। लेख 'कार्ब अच्छे भी है पढऩे के बाद कार्बोहाइड्रेट के बारे में मेरी गलतफहमी दूर हो गई।
निशा रावत, देहरादून
अगस्त माह में प्रकाशित सखी का हेल्थ एंड वेलनेस स्पेशल अंक अपनी जानकारीपूर्ण रचनाओं की वजह से संग्रहणीय बन पडा था। पाठिकाओं को सेहत के प्रति सचेत करने में यह पत्रिका अहम भूमिका निभाती है। कवर स्टोरी 'इन्हीं मुश्किलों से निकलेगी राह ने हमारे समाज की सच्ची तस्वीर पेश की है। 'हमसफर के माध्यम से अभिनेत्री दीया मिजर्ा के दांपत्य जीवन से जुडी कई रोचक बातें जानने को मिलीं। आजकल ज्य़ादातर बच्चे अपनी कोई भी चीज दोस्तों के साथ शेयर नहीं करना चाहते। ऐसे में लेख 'शेयरिंग और केयरिंग का साथ पेरेंट्स के लिए बहुत मददगार साबित होगा।
शशिप्रभा गुप्ता, इलाहाबाद
सखी मेरे लिए एक अनुपम उपहार की तरह है। जानकारीपूर्ण होने के साथ यह पत्रिका मनोरंजक भी है। यह हम पाठिकाओं का हौसला बढाती है। इसमें प्रकाशित होने वाले ज्ञानवर्धक लेखों और सभी स्थायी स्तंभों की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। पत्रिका का अगस्त अंक भी रोचक और ज्ञानवर्धक रचनाओं से भरपूर था।
इंदु वर्मा, आगरा
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