पेट के लिए वरदान पपीता
फलों में पपीते को गुणों की खान कहा जाता है। यह पेट के लिए काफी लाभदायक है। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो भोजन पचाने में मदद करता है। पपीते का सेवन रोज करने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। एक नए शोध से पता चला है कि पपीते में मौजूद एंटी कैंसर तत्व जैसे विटमिन सी, बीटा कैरोटिन और विटमिन ई ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को बनने से रोकते हैं। आइए जानते हैं पपीते के अन्य गुणों के बारे में।

पपीते में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं। इसमें न सिर्फ बीटा कैरोटिन, बल्कि लाइकोपिन भी पर्याप्त मात्रा में होता है। एक शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने यह पाया कि जो पुरुष ज्यादा से ज्यादा लाइकोपिन युक्त फल और सब्जियों का सेवन करते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर की आशंका 82 प्रतिशत कम होती है।
ग्रीन टी में भी शक्तिशाली एंटी कैं सर तत्व पाए जाते हैं। जब लाइकोपिन युक्त आहार को ग्रीन टी के साथ लिया जाता है तो प्रभाव दोगुना हो जाता है।
जोडों का दर्द : पपीता खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं और यह जोडों के दर्द में लाभदायक होता है। भोजन पचाने में सहायक पपीते में प्रोटीन, फाइबर और आयरन भी होते हैं, जो कमजोरी भी दूर करते हैं।
हृदय के लिए फायदेमंद : पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में कोलेस्ट्रॉल नहीं जमने देते, जिससे हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा इसमें फाइबर भी होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को रक्त में नियंत्रित करके रखते हैं।
मजबूत बनाए मेटाबॉलिज्म : इसके रस में पपाइन नामक तत्व पाया जाता है, जो भोजन को पचाने में मददगार होता है। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत हमेशा बनी रहती है, उन्हें पपीते का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इसमें विटमिन बी भरपूर मात्रा में होता है, जिससे शरीर में फॉलिक एसिड, विटमिन बी 6, विटमिन बी 1 और रिबोफ्लाबिन की कमी नहीं होती।
आंखों के लिए उपयोगी : इसमें विटमिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, इस कारण यह आंखों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी भी बढती है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम और पोटैशियम की मात्रा भी भरपूर होती है।
लाए सौंदर्य में निखार : पके हुए पपीते का गूदा चेहरे पर लगाने से मुंहासों और झांई से बचाव होता है। इससे त्वचा का रूखापन दूर होता है और उसमें कसाव आता है। पका पपीता एंटीरिंकल का काम करता है। साथ ही चेहरे के दाग-धब्बों को भी कम करता है।
डेंगू का करे उपचार : शोधकर्ताओं ने यह पाया कि पपीते के पत्तों का रस डेंगू के इलाज में सहायक होता है। यह रस प्लेटलेट काउंट्स जि से थ्रॉम्बोसाइट्स के नाम से जानते हैं, को बढाने में मदद करता है।
ध्यान दें : ब्रिटिश जॉर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के अनुसार गर्भावस्था के दौरान कच्चा पपीता खाना नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि पपीते के लिसलिसे पदार्थ में पेप्सिन पाया जाता है, जो यूट्रस में संकुचन पैदा करता है, जिससे मिसकैरेज की आशंका रहती है। इसमें मौजूद लेटेक्स से भी कई स्त्रियों को एलर्जी होती है।
न्यूट्रिशनल वैल्यू प्रति 100 ग्राम पका पतीता कैलरी : 39 किलोकैल, चीनी : 5.90 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट्स : 9.81 ग्राम, डायटरी फाइबर : 1.8 ग्राम, वसा : 0.14 ग्राम, प्रोटीन : 0.61 ग्राम, कैल्शियम : 24 मिग्रा, आयरन : 0.10 मिग्रा, मैग्नीशियम: 10 मिग्रा, सोडियम : 3 मिग्रा, पोटैशियम : 257 मिग्रा।
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