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    ठीक नहीं है लापरवाही

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    Updated: Tue, 05 Apr 2016 02:37 PM (IST)

    मुंह के भीतर होने वाले छाले या अल्सर को अकसर लोग मामूली समस्या समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, पर ऐसी लापरवाही ठीक नहीं है। यह कैंसर का भी लक्षण हो सकता है।

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    माउथ अल्सर एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना हर दूसरे व्यक्ति को करना पडता है, पर लोग तब तक इस पर ध्यान नहीं देते, जब तक कि छाले की वजह से उनका खाना-पीना मुश्किल न हो जाए। अकसर लोग इसे मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि उपचार में देर होने पर यह समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है। बेहतर यही होगा कि शुरुआती दौर में ही इसका उपचार कराया जाए। आमतौर पर जीभ, गालों के भीतरी हिस्से, तालू, होंठों के आसपास और गले में माउथ अल्सर के लक्षण नजर आते हैं।

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    प्रमुख लक्षण

    वैसे तो लोगों में छाले के अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं। फिर भी मुंह के भीतरी हिस्से में दर्द, जलन, त्वचा की रंगत में बदलाव, सूजन, जीभ पर बारीक दाने, फफोले या गांठ आदि माउथ अल्सर के कुछ ऐसे प्रमुख लक्षण हैं, जो सभी लोगों में समान रूप से पाए जाते हैं। इससे खाने-पीने में बहुत तकलीफ होती है। ख्ाासतौर पर अधिक गर्म या मिर्च-मसाले वाली चीजें खाने से दर्द बढ जाता है।

    क्या है वजह

    सिगरेट और एल्कोहॉल का सेवन

    पान-मसाला या तंबाकू चबाने की आदत

    कब्ज की समस्या

    विटमिन बी की कमी

    खाने-पीने के मामले में सफाई का ध्यान नहीं रखने या दूसरों का जूठन खाने से भी गले में इन्फेक्शन हो सकता है, जो माउथ अल्सर का प्रमुख कारण है।

    अत्यधिक तनाव की वजह से भी मुंह के भीतर लाल रंग के छाले हो सकते हैं।

    दांतों की संरचना में गडबडी की वजह से भी भोजन चबाते समय अकसर जीभ कट जाती है और इससे छाले हो जाते हैं।

    बचाव एवं उपचार

    मुंह की सफाई का विशेष ध्यान रखें। खाने के बाद कुल्ला करना न भूलें। रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करें।

    हरी-सब्जियों और मौसमी फलों का नियमित रूप से सेवन करें। इनमें मौजूद विटमिंस और पोषक तत्व शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इससे छालों की समस्या नहीं होती।

    हमेशा सॉफ्ट टूथब्रश का चुनाव करें क्योंकि ज्य़ादा सख्त रेशे वाले ब्रश से मसूडे छिलने का डर रहता है, जो माउथ अल्सर की वजह बन सकता है।

    रोजाना आठ-दस ग्लास पानी पिएं। अपने खानपान में जूस, लस्सी और छाछ जैसे तरल पदार्थों की मात्रा बढाएं।

    चाय, कॉफी या सूप जैसी गरम चीजें पीते वक्त ध्यान रखें कि उनसे आपका मुंह न जल जाए।

    एल्कोहॉल या सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन सीमित मात्रा में करें।

    सिगरेट, पान-मसाला और तंबाकू से दूर रहने की कोशिश करें क्योंकि इन चीजों के अधिकसेवन से कैंसर जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है।

    मुंह का कोई भी अल्सर ठीक होने में आमतौर पर दो से तीन सप्ताह का समय लगता है। अगर इतने दिनों में भी समस्या ठीक न हो तो इसकी गंभीरता समझते हुए डॉक्टर से विस्तृत जांच कराएं क्योंकि यह किसी ख्ातरे का संकेत हो सकता है।

    आजकल डिजिटल रेडियोग्राफी की मदद से माउथ अल्सर की जांच की जा सकती है। इससे मालूम किया जा सकता है कि वह अल्सर की आशंका से युक्त है या नहीं? फिर उसी रिपोर्ट के अनुसार इलाज शुरू किया जाता है।

    इन बातों का ध्यान रखा जाए तो माउथ अल्सर से छुटकारा पाया जा सकता है।

    सखी फीचर्स

    इनपुट्स: डॉ. नेहा गुप्ता, कंसल्टेंट डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन, मेदांता हॉस्पिटल गुडग़ांव