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    खुशी की खुराक

    By Edited By:
    Updated: Mon, 03 Jun 2013 11:21 AM (IST)

    एंटीडिप्रेजेंट्स का सेवन डिप्रेशन, दर्द या सर्जिकल जैसी कुछ खास स्थितियों में किया जाता है। यूं तो हर दवा मरीज को स्वस्थ करती है, लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। बेहतर है, इनके सेवन में सावधानी बरती जाए। जानें कुछ उपयोगी बातें एंटीडिप्रेजेंट्स के बारे में, साथ ही यह भी जानें कि तनाव को दूर भगाने में डाइट की क्या भूमिका है।

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    एंटीडिप्रेजेंट्स का सेवन एंग्जायटी  डिसॉर्डर, ऑब्सेसिव कंपल्सिव  डिसॉर्डर,  ईटिंग  डिसॉर्डर,  क्रॉनिक पेन, न्यूरोपेथिक पेन के अलावा स्लीप डिसॉर्डर व इंसोम्निया  में किया जाता है। आमतौर पर इनका असर दो से छह हफ्ते के भीतर नजर आने लगता है, लेकिन कुछ मरीजों  में एक हफ्ते बाद भी इनका असर दिखता है। ये दवाएं मस्तिष्क में मौजूद कुछ न्यूरोकेमिकल्स  जैसे सेरोटोनिन  का स्तर बदलती हैं।

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    इनके कई प्रकार हैं। जैसे एसएसआर आई  या सेरोटोनिन  स्पेसिफिक  रीअप्टेक  इनहिबिटर,  टीसीए यानी ट्राइसाइक्लिक एंटीडि प्रेजेंट्स,  एनएएसएसए यानी नोराड्रेनेर्जिक  एंड स्पेसिफिक  सेरोटोनेर्जिक एंटीडिप्रेजेंट्स।  इसके अलावा कुछ आम एंटीडिप्रेजेंट्स  हैं फ्लुओक्सिटीन,  सेट्र्रेलीन, पेरोक्जेटीन,  एसिटेलोप्रेम,  वेन्ला फैक्सीन , ब्यूप्रोपियॉन, मिर्टाजेपीन,  एमिट्राइप्टिइलीन, क्लोमिप्रेमीन,  इमिप्रेमीन। 

    इनसे मरीज  मानसिक शांति महसूस करता है, बेचैनी कम होती है और नींद अच्छी आती है।

    साइड इफेक्ट

    इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स  में नॉजिया,  डायरिया, चिडचिडापन, सिरदर्द, एंग्जाइटी  या बेचैनी, नर्वसनेस,  इंसोम्निया,  गला या होंठ सूखना, सुस्ती, सेक्सुअल  डिस्फंक्शन,  अपच, पसीना आना, वजन  बढना आदि आते हैं। इन्हें बीच में छोडना हानिकारक हो सकता है और लंबे समय तक लेने पर मरीज इनका आदी भी हो सकता है। ये हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। ब्रिटेन में हुए एक शोध के मुताबिक हैप्पी  पिल्स कई बार दिल की सेहत के लिए सैड पिल्स  बन जाती हैं। गौरतलब  है कि ब्रिटेन में करीब सवा करोड लोग किसी न किसी एंटी-डिप्रेशन दवाओं का सेवन करते हैं।

    ध्यान रखें कुछ बातें

    दि  अमेरिकन साइकियाट्रिक  एसोसिएशन गाइडलाइंस  के मुताबिक लक्षणों के आधार पर एंटीडि प्रेजेंट्स  चार से पांच महीने तक लिए जाने चाहिए। दि  ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर साइकोफॉर्मेकोलॉजी  की गाइडलाइंस  के मुताबिक बार-बार डिप्रेशन की स्थिति में कम से कम छह महीने व अधिकतम पांच साल तक खुराक दी जा सकती है। इनके सेवन में कुछ बातों का ध्यान रखें-

    1.  इनका सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें। इनकी मात्रा भी खुद बढाएं-घटाएं नहीं।

    2.  इन्हें अलग से या अन्य दवाओं के साथ ले सकते हैं। शुरुआती दौर में लाभ न हो तो निराश न हों। इसमें वक्त लग सकता है।

    4.  किसी भी तरह के साइड-इफेक्ट्स दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    5. एंटीडिप्रेजेंट्स का कोर्स पूरा करें, अधूरा छोडने पर डिप्रेशन बढ सकता है।

    6.  ये दवाएं नशे के लिए नहीं हैं।

    इनपुट्स : डॉ. राहुल चंडोक, वरिष्ठ मनोचिकित्सा सलाहकार, मेंटल हेल्थ और बिहेवियरल साइंसेज, फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल, फरीदाबाद।

    इंदिरा

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