भर जाएं ताजगी और ऊर्जा से
गुलाब, चमेली और मोगरा... इन फूलों की खुशबू किसी को भी मदहोश बना सकती है। मनमोहक ख़्ाुशबू वाले एसेंशियल तेल त्वचा और ग्रंथियों के लिए कमाल का काम करते हैं। ये अरोमा ऑयल्स मूड को सहज बना देने के साथ ही सकारात्मक सोच से भी भर देते हैं। आइए जानते

गुलाब, चमेली और मोगरा... इन फूलों की खुशबू किसी को भी मदहोश बना सकती है। मनमोहक ख्ाुशबू वाले एसेंशियल तेल त्वचा और ग्रंथियों के लिए कमाल का काम करते हैं। ये अरोमा ऑयल्स मूड को सहज बना देने के साथ ही सकारात्मक सोच से भी भर देते हैं। आइए जानते हैं इन सुगंधित तेलों के बारे में।
अरोमा या एसेंशियल ऑयल्स विभिन्न तरह के फूलों, जडी-बूटियों और पौधों की खुशबू का अर्क होते हैं। दरअसल ये पानी में अघुलनशील होते हैं। इन तेलों को उनकी खुशबू के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है- फ्लोरल अरोमा और हर्बल अरोमा। इन्हें कैसे इस्तेमाल करें, यह बता रही हैं सौंदर्य विशेषज्ञ डॉ. ब्लॉसम कोचर।
हर सुगंधित तेल की अपनी खूबियां होती हैं और उसे प्रयोग में लाने का अपना एक तरीका होता है। उदाहरण के लिए फ्लॉवर ऑयल त्वचा के लिए काफी अच्छे होते हैं पर उनकी एक खास खूबी होती है। ये आमतौर पर सुगंधित तेल होते हैं जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा से भर देते हैं। लंबे समय तक घर से बाहर रहने के बाद अगर घर आने पर लैवेंडर, रोज या लेमन ऑयल की खुशबू मिल जाए तो सारी थकान मिट जाती है।
कैसे करें प्रयोग
एसेंशियल ऑयल्स को किसी भी दूसरे तेल या द्रव में घोलकर त्वचा पर लगाया जाता है। इन्हें सीधे त्वचा पर लगाने से त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। इन्हें जिस दूसरे तेल या द्रव में मिलाया जाता है उसे कैरिअर ऑयल कहा जाता है और वह जल्द ही नहीं उडता, साथ ही यह त्वचा में आसानी से अवशोषित भी हो जाता है। इससे त्वचा का रूखापन भी खत्म हो जाता है। बादाम के तेल और एलोवेरा जैसे कैरिअर्स की अपनी कोई खुशबू नहीं होती, इसलिए इनमें अरोमा ऑयल्स मिलाने से खुशबू का सही संतुलन बना रहता है।
ध्यान दें
अरोमा ऑयल्स का इस्तेमाल दिन के बजाय रात को करने से ज्य़ादा लाभ होता है। क्योंकि बाहर निकलने पर त्वचा धूल-मिट्टी और प्रदूषण की चपेट में आती है, जिससे त्वचा के रोमछिद्र बंद होने का डर रहता है। इसलिए इसे दिन में इस्तेमाल कर रही हैं तो 15-20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। एसेंशियल ऑयल को पर्याप्त मात्रा में अपनी नाइट क्रीम में मिलाकर घर पर फेशियल भी कर सकती हैं।
तेल से करें उपचार
-झुर्रियों और गहरे धब्बों की समस्या में रोज एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करें।
-रूखी त्वचा के लिए अखरोट और व्हीट ग्रेन ऑयल फायदेमंद होगा।
-तैलीय त्वचा के लिए टी ट्री ऑयल का प्रयोग करें।
-अनिद्रा में सोने से पहले लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल करें।
-जैस्मिन ऑयल तनाव दूर करता है।
-सिरदर्द व श्वास संबंधी परेशानी में यूकेलिप्टस ऑयल प्रयोग किया जाता है।
पेट में दर्द
पेट के ऊपरी भाग में दर्द हो तो तीन बूंदें पिपरमिंट ऑयल, दो बूंदें क्लोव ऑयल तथा एक बूंद यूकेलिप्टस ऑयल के मिश्रण में एक चम्मच वेजटेबल ऑयल मिलाकर मालिश करने से लाभ होता है। दर्द यदि पेट के निचले हिस्से में हो तो दो बूंद जिरेनियम ऑयल, दो बूंद रोजमेरी ऑयल व एक बूंद जिंजर ऑयल में एक चम्मच वेजटेबल ऑयल डालकर दर्द वाले भाग पर हलके हाथ की मालिश की जा सकती है।
नकसीर फूटना
गर्मियों में नकसीर फूटना या नाक से खून आना एक आम समस्या है। इसके लिए पीठ के बल सीधी लेट जाएं और एक टिश्यू पेपर पर एक बूंद साइप्रस ऑयल, एक बूंद लैवेंडर ऑयल, दो बूंद लेमन ऑयल व एक बूंद रोज ऑयल डालकर सूंघने से राहत मिलेगी।
छोटे-मोटे साधारण घाव व फोडे-फुंसियों के उपचार के लिए दो बूंद लैवेंडर ऑयल, एक बूंद कैमोमाइल ऑयल व एक बूंद टी ट्री ऑयल के मिश्रण को एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में दो बार घाव को धोएं।
अनियमित पीरियड्स
अगर पीरियड्स अनियमित हों तो ये उपाय भी आज्ामा सकती हैं। 30 मिग्रा बेस ऑयल में छह बूंद लेमन ऑयल, दस बूंद क्लैरी सेज ऑयल, 9 बूंद जिरेनियम ऑयल व पांच बूंदें इवनिंग प्राइमरोज ऑयल मिलाएं और शरीर की मालिश करें। नहाने के पानी में भी इस मिश्रण का प्रयोग करें।
नींद न आना
व्यस्त और भागदौड भरी िजंदगी में नींद न आना भी एक आम समस्या है। इसके कारण शारीरिक या मानसिक, दोनों हो सकते हैं। शरीर की मालिश या नहाने के पानी में कुछ तेलों के प्रयोग से यह समस्या दूर हो सकती है। 30 मिग्रा बेस ऑयल में 5 बूंद कैमोमाइल ऑयल, 5 बूंद मेजोरम ऑयल, 15 बूंद सैंडल वुड ऑयल तथा 5 बूंद क्लैरीसेज ऑयल मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है।
पहले करें परीक्षण
त्वचा पर लगाने से पहले अरोमा ऑयल और कैरिअर ऑयल का एलर्जी टेस्ट जरूर करें। दो-तीन बूंदे अरोमा ऑयल को ऑलिव ऑयल में मिक्स करके बांह पर लगाएं। 12 घंटे बाद देखें, उस जगह पर किसी तरह की सूजन, निशान या रंग में फर्क नजर न आए तो इन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है।
कई हैं प्रयोग
तीन सौ िकस्म के एसेंशियल तेलों का त्वचा संबंधी या अन्य उत्पाद बनाने वाले उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है। घर पर छोटी-मोटी बीमारियों के निदान के लिए दस-पंद्रह प्रकार के तेल ही मुख्य होते हैं। प्रत्येक एसेंशियल ऑयल की खुशबू का एहसास ही इलाज होता है। हर प्रकार की खुशबू से सीधे हमारा मस्तिष्क प्रभावित होता है। हर तेल में उपचार की एक विशेष प्रकार की शक्ति होती है, जिससे प्राकृतिक उपचार होता है।
रोजमेरी ऑयल
यह तेल दिमागी सुकून देने के लिए काफी फायदेमंद होता है। रोजमेरी का तेल स्मरण शक्ति भी बढाता है। साथ ही कंजेशन और साइनोसाइटिस में भी राहत पहुंचाता है। मसाज ऑयल एवं लोशन में मिलाने पर ये मांसपेशियों की सूजन, आथ्र्राइटिस, लिवर व अन्य पाचन समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है। त्वचा की समस्याओं में भी ये कारगर होता है।
रोज ऑयल
गुलाबजल या रोज ऑयल त्वचा की रंगत को निखारने में मददगार साबित होता है। इस तेल की खुशबू तरोताजा कर देती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व उम्र छुपाने का काम भी करते हैं। इसकी मसाज से त्वचा खिली-खिली दिखती है। यह हर्बल तेल टोनर का भी काम करता है और त्वचा के पोर्स में कसावट लाता है।
जैस्मिन ऑयल
अगर तेज खुशबू पसंद है तो यह आपकी पसंदीदा खुशबू होगी। इसे कम मात्रा में प्रयोग करना ही हितकर होगा। यह शरीर को ताजगी देता है। यह एंटी डिप्रेज्ोंट का भी काम करता है।
लैवेंडर ऑयल
यह तनाव कम करके मूड ठीक करता है। इसके एंटी माइक्रोबियल गुण त्वचा को पोषण देते हैं। यह स्किन के संक्रमण और एक्ने से लडऩे में आपकी मदद करता है।
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