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    Rajasthan: सांवलिया सेठ के दानपात्र से निकले 21.96 करोड़ गिने, सोना-चांदी, मनीऑर्डर गिनना बाकी

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 07:19 AM (IST)

    सांवलिया सेठ मंदिर के 30 नवंबर को दानपात्र खोले गए और गिनती 2 महीने बाद शुरू हुई। बुधवार शाम तक दान की गिनती 21 करोड़ 96 लाख 45 हजार रुपये तक पहुंच चुकी थी और गिनती अभी भी जारी है। चौथे राउंड में 2 करोड़ 73 लाख 90 हजार रुपये की गिनती की गई। मनी ऑर्डर ऑनलाइन रुपये और सोने-चांदी का तौल बाकी है।

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    सांवलिया सेठ के दानपात्र से निकले 21.96 करोड़ गिने, गिनती जारी

    जागरण संवाददाता, उदयपुर। सांवलिया सेठ मंदिर में इस बार दान का रिकॉर्ड बन सकता है। मंदिर में हर महीने चतुर्दशी तिथि पर दानपात्र खुलते हैं, लेकिन इस बार दीपावली पर दानपात्र नहीं खोला गया था।

    ऐसे में 30 नवंबर को दानपात्र खोले गए, और गिनती 2 महीने बाद शुरू हुई। बुधवार शाम तक दान की गिनती 21 करोड़ 96 लाख 45 हजार रुपये तक पहुंच चुकी थी, और गिनती अभी भी जारी है।

    दान की गिनती सुबह 11 बजे राजभोग आरती के बाद शुरू हुई। चौथे राउंड में 2 करोड़ 73 लाख 90 हजार रुपये की गिनती की गई। मनी ऑर्डर, ऑनलाइन रुपये और सोने-चांदी का तौल बाकी है।

    पहले दिन 11 करोड़ 34 लाख 75 हजार रुपये, 2 दिसंबर को 3 करोड़ 60 लाख रुपये और 3 दिसंबर को 4 करोड़ 27 लाख 80 हजार रुपये की गिनती हुई थी। मंदिर प्रशासन को उम्मीद है कि इस बार दान की राशि का नया रिकॉर्ड बनेगा। काउंटिंग प्रक्रिया में मंदिर मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर और अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

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    सांवलिया सेठ मंदिर

    भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित सांवलिया सेठ मंदिर (Sanwalia Seth) राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि भोलाराम गुर्जर के कहने पर गांव वालों ने बागुंड गांव में भूमि खोदकर तीन मूर्तियां प्राप्त की थीं। इनमें प्रथम मूर्ति को मंडफिया और दूसरी को भादसोड़ा में स्थापित की गई। जबकि तीसरी मूर्ति को छापर में ही स्थापित की गई।

    इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण कराया गया। मंडफिया में स्थित मंदिर ही सांवलिया धाम से जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण विराजते हैं। श्रद्धालु देश की राजधानी दिल्ली से रेल मार्ग या वायु मार्ग के जरिए चित्तौड़गढ़ पहुंच सकते हैं। चित्तौड़गढ़ से सांवलिया धाम सड़क मार्ग के जरिए जा सकते हैं।