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    राजस्थान में अलर्ट... अजमेर दरगाह मामले में सुनवाई आज, याची ने जताई खतरे की आशंका

    Updated: Fri, 24 Jan 2025 05:45 AM (IST)

    अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने के मामले को लेकर सिविल कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। राजस्थान पुलिस क इसके एक दिन पहले गुरुवार को याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कहा कि सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर में अनावश्यक भीड़ को एकत्रित नहीं होने दिया जाए।

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    अजमेर दरगाह मामले में सुनवाई आज, याची ने जताई खतरे की आशंका (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जयपुर। अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने के मामले को लेकर सिविल कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी।

    कोर्ट में अनावश्यक भीड़ को एकत्रित नहीं होने दिया जाए

    इसके एक दिन पहले गुरुवार को याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कहा कि सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर में अनावश्यक भीड़ को एकत्रित नहीं होने दिया जाए। उन्हें डर है कि उनके साथ अप्रिय घटना हो सकती है। उन्होंने प्रार्थना पत्र में कहा कि सुनवाई के दौरान केवल संबंधित व्यक्तियों को ही न्यायालय में प्रवेश दिया जाए।

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    अजमेर दरगाह में पहले संकट मोचन शिव मंदिर था

    उल्लेखनीय है कि गुप्ता ने पिछले साल 27 नवंबर को याचिका दायर कर कहा था कि अजमेर दरगाह में पहले संकट मोचन शिव मंदिर था। न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग को नोटिस भेजकर पक्ष रखने के लिए कहा था।

    अदालत में हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सरिता विहार निवासी विष्णु गुप्ता ने वकील शशि रंजन कुमार सिंह के माध्यम से 26 सितम्बर को याचिका दायर की गई थी।

    अदालत में पेश की गई खास किताब

    बता दें कि इस मामले पर पिछले साल नवंबर में सुनवाई हुई थी। अदालत ने 27 नवंबर की तारीख तय की थी। दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछली सुनवाई के दौरान सबूत के तौर पर एक खास किताब पेश की गई। किताब में दावा किया गया कि वहां एक हिंदू मंदिर था।

    हिंदू पक्ष का दावा

    • दरगाह की जमीन पर पहले भगवान शिव का मंदिर था।
    • मंदिर में पूजा और जलाभिषेक होता था।
    • याचिका में अजमेर निवासी हर विलास शारदा द्वारा वर्ष 1911 में लिखी पुस्तक का हवाला
    • पुस्तक में दरगाह के स्थान पर मंदिर का जिक्र
    • दरगाह परिसर में मौजूद 75 फीट लंबे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश
    • तहखाने में गर्भगृह होने का प्रमाण
    • महबूबा मुफ्ती बोलीं इससे विवाद बढ़ेगा

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