Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kota: 'दुनिया में कोई भी महान काम एक प्रयास में नहीं हुआ, असफलता से न डरें' उपराष्ट्रपति की छात्रों को सलाह

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Wed, 06 Sep 2023 06:09 AM (IST)

    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों को सलाह दी कि वे किसी को भी अपनी कार्यप्रणाली तय करने की अनुमति नहीं दें और एक नदी की तरह व्यवहार करें जो बड़े पैमाने पर समाज की सेवा करती है। उपराष्ट्रपति ने चंद्रयान-2 की विफलता और चंद्रयान-3 की सफलता का जिक्र करते हुए छात्रों से अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार जीवन में करियर चुनने का आह्वान किया।

    Hero Image
    कोटा में आत्महत्या कर रहे छात्रों को उपराष्ट्रपति धनखड़ की सलाह (फोटो, एक्स)

    कोटा, एजेंसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को राजस्थान के कोटा में कोचिंग में पढ़ाई करने वाले छात्रों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि छात्रों को असफलता से नहीं डरना चाहिए क्योंकि दुनिया में कोई भी महान काम एक प्रयास में नहीं किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपराष्ट्रपति धनखड़ ने छात्रों को यह भी सलाह दी कि वे किसी को भी अपनी कार्यप्रणाली तय करने की अनुमति नहीं दें और एक नदी की तरह व्यवहार करें जो बड़े पैमाने पर समाज की सेवा करती है। उपराष्ट्रपति ने चंद्रयान-2 की विफलता और चंद्रयान-3 की सफलता का जिक्र करते हुए छात्रों से अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार जीवन में करियर चुनने का आह्वान किया।

    'दोस्तों या पड़ोसियों के दबाव में न आएं'

    उन्होंने छात्रों से कहा, " आप परिवार, दोस्तों या पड़ोसियों के दबाव में न आएं।" धनखड़ ने स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स और पॉल एलन जैसे बिजनेस टाइकून का उदाहरण देते हुए कहा कि (शैक्षणिक) डिग्री अच्छी है लेकिन छात्रों की प्रतिभा और जुनून एक डिग्री में निहित नहीं है। उपराष्ट्रपति ने कहा, "एक नहर की तरह नहीं बल्कि एक नदी की तरह व्यवहार करें जो बड़े पैमाने पर समाज की सेवा करती है और सभ्यताएं इसके चारों ओर विकसित होती हैं।"

    अगर मैं दूसरे स्थान पर होता तो क्या होता- धनखड़

    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों से बातचीत के दौरान कहा, "प्रिय छात्रों, ऐतिहासिक रूप से पृथ्वी ग्रह पर कभी स्वर्ग नहीं गिरा... मैं क्लास में टॉपर था, अगर मैं दूसरे स्थान पर होता तो क्या होता, कुछ नहीं।" धनखड़ ने छात्रों से कहा कि यह उनके लिए जीवन भर का अवसर है।