रेगिस्तान में फूटा पानी का फव्वारा , 850 फीट पर निकल रहा बिना मशीन के प्रेशर से पानी
मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र 27 बीडी में स्थित विक्रम सिंह के खेत में ट्यूबवेल की खुदाई हो रही थी बोरिंग मशीन से जमीन की ऊपरी सतह से 850 फीट नीचे तक पानी के लिए पाइप डाले जा रहे थे तभी पानी का फव्वारा फूट पड़ा । जिसके बाद बोरिंग करने वाली खुदाई की मशीन और ट्रक अचानक धरती में समा गए।

जेएनएन, जोधपुर। राजस्थान के मोहनगढ़ में एक अचंभित करने वाला वाकया हुआ ,जहां बोरवेल की खुदाई करते समय रेत के मध्य पानी का फव्वारा फूट पड़ा। बोरिंग के दौरान अचानक से जमीन फट गई और जमीन के अंदर से पानी तेज प्रेशर बहना शुरू हुआ। बहाव इतना तेज रहा कि कुछ ही देर में खेत एक तालाब में तब्दील हो गया।
घटना जैसलमेर के मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र 27 बीडी की है। प्रशासन की तरफ से चेतावनी जारी कर आमजन को उक्त स्थान से 500 मीटर दूर ही विचरण करने की सलाह दी हैं। भूजल वैज्ञानिकों के अनुसार यह ग्राउंड वाटर की एक आर्टेसियन कंडीशन हैं ।
धरती में समा गई खुदाई करने वाली मशीन
शनिवार सवेरे करीब दस बजे के आसपास जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र की जवाहरनगर ग्राम पंचायत के सुधार मंडी के पास यह अचंभित करने वाली घटना हुई।
मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र 27 बीडी में स्थित विक्रम सिंह के खेत में ट्यूबवेल की खुदाई हो रही थी , बोरिंग मशीन से जमीन की ऊपरी सतह से 850 फीट नीचे तक पानी के लिए पाइप डाले जा रहे थे , तभी पानी का फव्वारा फूट पड़ा । जिसके बाद बोरिंग करने वाली खुदाई की मशीन और ट्रक अचानक धरती में समा गए । घटना से ट्यूबवेल की खुदाई कर रहे कर्मचारी सकते में आ गए ।
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस और जिला प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया हैं । भूजल विभाग के वैज्ञानिक नारायण दास इनखिया ने बताया कि यह भूविज्ञान के अंतर्गत इसको आर्टेसियन कंडीशन कहते है और जिस प्रेशर से पानी निकल रहा हैं , उस हिसाब से यह आगामी कई दिन तक स्थिति यही रहने की संभावना हैं।
प्रशासन ने आम सूचना जारी कर मौके को खाली करवाया है। वही सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस की तैनाती की है। प्रशासन ने चेतावनी जारी कर आमजन को उक्त स्थान से 500 मीटर दूर रहने की सलाह दी हैं । प्रशासन ने ओएनजीसी के अधिकारियों से भी इस सम्बंध में संपर्क किया है।
भूजल वैज्ञानिक का ये है तर्क
भूजल वैज्ञानिक डॉक्टर नारायणदास इणखिया ने बताया कि यहां गैस के रिसाव जैसी कोई स्थिति नहीं दिखाई दे रही हैं । ये ग्राउंड वाटर की एक आर्टेसियन कंडीशन होती हैं , हमारे यहां सैंड स्टोन और कठोर मिट्टी के नीचे पानी मिलता हैं , जो कि स्टोन और मिट्टी में दबा हुआ रहता हैं , जैसे ही इन परतों को तोड़कर वहां तक जाते हैं तो पानी प्रेसर से ऊपर उठता हैं।
मोहनगढ़ और नाचना बेल्ट में जलस्तर काफी ऊंचा हैं इसलिए इस ट्यूबवेल में जैसे ही निचली परतों को तोड़ा तो पानी प्रेसर के साथ ऊपर आ गया । ऐसी घटनाएं इस क्षेत्र में आम हैं , मोहनगढ़ , नाचना और भारेवाला आदि में आज भी चल रहे हैं । वैसे ही यहां भी पानी धीरे धीरे अपना लेवल मेंटेन करेगा तब ये अपने आप बंद हो जाएगा।
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