विदेशों में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का जोधपुर में खुलासा, पुलिस ने आठ को पकड़ा; मास्टरमाइंड की तलाश जारी
फर्जी कॉल सेंटर के जरिए विदेश से लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का जोधपुर पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को पकड़ा है जबकि इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड सरगना अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। गिरफ्तार आरोपियों में चार नागालैंड के दो अहमदबाद के और एक-एक आरोपी नैनीताल और मुंबई के रहने वाले हैं।

जोधपुर, जेएनएन। फर्जी कॉल सेंटर के जरिए विदेश से लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का जोधपुर पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को पकड़ा है, जबकि इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड सरगना अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
पुलिस ने आठ आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा। गिरफ्तार आरोपियों में चार नागालैंड के, दो अहमदबाद के और एक-एक आरोपी नैनीताल और मुंबई के रहने वाले हैं। ये सभी जोधपुर में एक कॉल सेंटर चलाकर लोगों के ऑर्डर कैंसिल करने की बात कर उनसे गिफ्ट और पैसा वसूलते थे।
पुलिस को मास्टरमाइंड की तलाश
जोधपुर के शास्त्री नगर थाना पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर से विदेशों में लोगों से ठगी करने वाले गिरोह को पकड़ा है। इस मामले में पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस ने दावा किया है कि इस मामले में अभी और खुलासे हो सकते हैं। साथ ही इस गिरोह का मास्टरमाइंड पार्क अहमदाबाद के मणिनगर इलाके का निवासी है, जिसकी तलाश जारी है।
आरोपी ठगी को दे रहा था अंजाम
जानकारी मिलने के बाद थाना क्षेत्र स्थित सरस डेयरी के पास साइबर पार्क में मनोहर बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर चल रहे कॉल सेंटर पर छापा मारा गया। मौके से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये सभी विदेश में कॉल कर उनके ऑनलाइन आर्डर के कैंसल या रिफंड करने की बात कहकर लोगों को गुमराह करते थे।
साथ ही इसके बदले में उनसे गिफ्ट मनी भी लेते थे। पुलिस ने जब छापा मारा तो विदेशी कस्टमर से डॉलर लेने की डील चल रही थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है।
इस तरह देते है ठगी को अंजाम
पुलिस के अनुसार, ठग एक ऐप के जरिए लोगों के डेटा हैक करते हैं। डेटा के आधार पर अमेजन के ऑर्डर डिटेल से वॉइस मैसेज भेजते थे, इसके बाद खुद को अमेजन का प्रतिनिधि बताकर उनसे बात करते। कनाडा और यूएसए के लोगों के ऑर्डर का डेटा उनके पास होने से विदेशी उनकी बातों में आ जाते थे और उनके साथ ठगी हो जाती थी।
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