मनोज बाजपेयी की फिल्म 'एक ही बंदा काफी है' को लेकर आसाराम बापू ट्रस्ट ने मेकर्स को भेजा नोटिस, जानें क्यों ?
आसाराम बापू ट्रस्ट ने मनोज बाजपेयी अभिनीत फिल्म बस एक बंदा ही काफी है को लेकर फिल्म निर्माताओं को नोटिस जारी किया है। नोटिस में आसाराम के किरदार को ...और पढ़ें

जोधपुर, राज्य ब्यूरो। आसाराम के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील पीसी सोलंकी पर आधारित फिल्म को लेकर आसाराम बापू ट्रस्ट ने फिल्म से जुड़े लोगों को नोटिस जारी किया है। आसाराम के वकील की ओर से फिल्म की रिलीज और प्रमोशन को रोके जाने को लेकर निर्माताओं को नोटिस जारी किया है और इसे रोके जाने की मांग की है।
आसाराम की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप
आसाराम बापू ट्रस्ट ने मनोज बाजपेयी अभिनीत फिल्म 'बस एक बंदा ही काफी है' को लेकर फिल्म निर्माताओं को नोटिस जारी किया है। नोटिस में आसाराम के किरदार को नेगेटिव तरीके से दिखाने के साथ आसाराम की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई है। आसाराम के वकीलों के द्वारा 3 दिन में एक्शन नहीं लेने पर लीगल कार्रवाई के लिए भी लिखा गया है। बता दें, 8 मई को फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है, जिसमें मनोज बाजपेयी आसाराम के खिलाफ वकालत करने वाले पीसी सोलंकी के किरदार में नजर आ रहे हैं।
फिल्म पर रोक लगाने की मांग
आसाराम के वकील ओपी शर्मा और विपुल सिंघवी ने बताया कि ये नोटिस फिल्म का प्रमोशन और रिलीजिंग रोकने के लिए जारी किया गया है। ट्रस्ट की ओर से मूवी के विनोद भानूशाली, मनोज वाजपेयी, जी स्टूडियो, अपूर्वा सिंह कर्की, आशिफ शेख, विशाल गुरनानी और दीपक किंगरानी को नोटिस दिया गया है।
'फिल्म में आसाराम की तुलना सीरियल रेपिस्ट से'
नोटिस में दावा किया गया है कि इस फिल्म में आसाराम का नेगेटिव रोल दिखाया गया है और उनकी तुलना रावण और एक सीरियल रेपिस्ट से की गई है। फिल्म उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही है। आसाराम को मिली सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई जारी है। ऐसे में नोटिस में फिल्म रिलीज पर रोक लगाने को कहा है।
जानें फिल्म में क्या है?
फिल्म में एक बाबा के द्वारा 16 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले को दिखाया गया है। बाबा की शक्ल भी आसाराम से मिलती-जुलती दिखाई गई है, साथ ही डिस्क्लेमर में सच्ची घटनाओं से प्रेरणा लेने के बाद फिल्म निर्माण होने की बात कही गई है। फिल्म आसाराम के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील पर आधारित बताई जा रही है, जिसकी शूटिंग भी जोधपुर में हुई है।
आसाराम मामले के दौरान पीड़िता की ओर से पैरवी करने वाले वकील पीसी सोलंकी को मामले के दौरान भी कई प्रकार की धमकियां दी गई थीं, उनका चित्रण भी इस फिल्म में बताया गया है और वकील के संघर्ष को फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित कर पीड़िता को न्याय दिलाने की बात फिल्म में है।
जोधपुर में चल रहे आसाराम के मामले में पैरवी करने देश के कई नामचीन वकील भी उस समय जोधपुर में थे, लेकिन पीसी सोलंकी की तर्कों के सामने किसी की भी नहीं चली थी और आसाराम को जीवन की अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा मिली है।

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