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    बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित मिलने से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका, ब्लैक फंगस से बढ़ी राजस्थान की चिंता

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Sun, 23 May 2021 12:52 PM (IST)

    दो जिलों में बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित मिलने से तीसरी लहर की दस्तक की आशंका मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टरों से संक्रमितों को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराने घर-घर सर्वे करने और ब्लैक फंगस के रोगियोें पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है।

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    बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित मिलने से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका

    जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की दस्तक के साथ ही राज्य सरकार पहले से अधिक सजग हो गई। तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के बीच प्रदेश के दौसा और डूंगरपुर जिलों में बड़ी संख्या में 0 से 18 साल तक के बच्चे संक्रमित हुए हैं। सरकार के सामने बड़ी चुनौती तीसरी लहर पर लगाम लगाना और ब्लैक फंगस पर जल्द से जल्द काबू पाना है। जिलों से चिकित्सा एवं गृह विभाग तक पहुंची जानकारी के अनुसार पिछले एक माह में दौसा जिले में करीब 341 बच्चे पॉजिटिव हुए हैं।

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    प्रदेश के आदिवासी जिले डूंगरपुर में 10 से लेकर 22 मई के बीच 325 बच्चे संक्रमित मिले हैं। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित मिलने के बाद डूंगरपुर में चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेंटर्स बनाए गए हैं। दौसा में भी इसी तरह के सेंटर्स बनाए जा रहे हैं। बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जैसे आदिवासी जिलों में भी कम उम्र के 5 से 7 बच्चे संक्रमित मिले हैं। इस मामले में डूंगरपुर जिला कलेक्टर सुरेश ओला का कहना है कि जिनके माता-पिता संक्रमित हुए ,वे बच्चे पॉजिटिव मिले हैं। डूंगरपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज का पूरा प्रबंध है। ओला इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित होने की बात मानने को तैयार नहीं है, लेकिन स्थानीय व जिला स्तर के अस्पतालों के रिकॉर्ड के अनुसार 325 बच्चे संक्रमित हुए हैं।

    वहीं दौसा जिला कलेक्टर पियुष सामरिया ने माना बच्चे पॉजिटिव मिले थे,लेकिन अस्पताल में कोई भर्ती नहीं हुए,सभी के सामान्य लक्षण मिले। बच्चों के संक्रमित मिलने से चिंतित सरकार ने आवश्यक तैयारी तेज कर दी है। ग्रामीण इलाकों में कोविड डेडिकेटेड सेंटर्स बनाए जा रहे हैं। घर-घर सर्वे कर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट कराए जा रहे हैं।

    उधर ब्लैक फंगस ने भी सरकार की चिंता बढ़ा रखी है। प्रदेश में अब तक 700 से अधिक ब्लैक फंगस के पीड़ित मिल चुके हैं। इनके इलाज के लिए जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल में एक वार्ड बनाया गया है। चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने बताया कि ब्लैक फंगस को देखते हुए व्यापक स्तर पर सर्वे शुरू किया गया है। पिछले एक माह में कोविड से रिकवर हुए वे लोग जिन्हे हार्ट, डायबिटीज या कैंसर जैसे रोग है और उन्हे संक्रमित होने के दौरान अधिक मात्रा में स्टेरॉयड दिया गया है,उनकी सूची तैयार की जा रही है। मंगलवार तक यह सूची तैयार हो जाएगी। ऐसे सभी मरीजों को फॉलोअप किया जाएगा, जरूररत के अनुसार उनका उपचार होगा । ऐसे मरीजों को घर शूगर का ध्यान रखने के लिए कहा जाएगा ।

    सीएम ने मंत्रियों को जिलों में जाने के निर्देश दिए

    मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रतिदिन कोविड मैनेजमेंट को लेकर राज्य से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के साथ संवाद कर रहे हैं। गहलोत ने मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर कोविड मैनेजमेंट पर ध्यान देने के लिए कहा है। सीएम ने जिला कलेक्टरों से संक्रमितों को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराने,घर-घर सर्वे करने और ब्लैक फंगस के रोगियोें पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर इसके उपचार के लिए 20 अस्पताल अधिकृत किए गए हैं।

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