उदयपुर के चित्तौड़ा की बनाई डायरी विश्व की सबसे छोटी, वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकार्ड में दर्ज हुई उपलब्धि
उदयपुर के कलाकार चंद्र प्रकाश चित्तौड़ा सूक्ष्म कलाकृतियों के चितेरे नाम से जाने जाते हैं। वह हर उत्सव और दिवस अपनी कलाकारी के जरिए मनाते हैं। कोई भी ऐसा मौका नहीं चूकते जिस दिन विषय को लेकर सूक्ष्म पुस्तक तैयार नहीं करते।

उदयपुर, सुभाष शर्मा। विश्व की सबसे छोटी डायरी या पुस्तकों की खोज इंटरनेट मीडिया पर की जाए तो उदयपुर के चंद्र प्रकाश चित्तौड़ा का नाम सामने आता है। वह सैकड़ों छोटी पुस्तक बना चुके हैं लेकिन हाल ही उनकी बनाई डायरी को विश्व की सबसे छोटी डायरी का दर्जा मिला है।
42 पेज की डायरी महज 0.02 मिलीमीटर की है। जिसे वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकार्ड में शामिल किया गया है। मेवाड़ राजघराने के लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकार्ड के प्रबंधक क़े कौशिक की मौजूदगी में उन्हें यह उपलब्धि मिली। साथ ही चित्तौड़ा को उनकी बनाई विश्व की सबसे छोटी डायरी के लिए प्रमाण पत्रिका और मैडल से सम्मानित किया।
सूक्ष्म कलाकृतियों के चितेरे नाम से मशहूर चित्तौड़ा
उदयपुर के कलाकार चंद्र प्रकाश चित्तौड़ा सूक्ष्म कलाकृतियों के चितेरे नाम से जाने जाते हैं। वह हर उत्सव और दिवस अपनी कलाकारी के जरिए मनाते हैं। कोई भी ऐसा मौका नहीं चूकते, जिस दिन विषय को लेकर सूक्ष्म पुस्तक तैयार नहीं करते। धार्मिक त्योहार हो या किसी महापुरुष का जन्म वह लघु पुस्तक तैयार अवश्य करते हैं। इस तरह वह अब तक सैकड़ों लघु पुस्तक बना चुके हैं।
यही नहीं अपनी जेब यानी गांठ से पैसा खर्च कर लघु पुस्तिकाएं प्रकाशित कराते हैं। गिनिज 0.02 मिलीमीटर की डायरी बनाने से पहले वह वह 1.1 मिलीमीटर की 108 पेज तथा 0.5 मिलीमीटर की भी डायरी बना चुके हैं। उन्होंने एक डायरी ऐसी भी तैयार की है, जिसे सुई के धागा डालने वाले हिस्से से निकाला जा सकता है।
पहली सूक्ष्म पुस्तक शेखावत को दी और उनकी सलाह पर इसे बना लिया पैशन
उदयपुर स्थित राजकीय मुद्रणालय में बाइण्डर पद पर सेवारत चंद्र प्रकाश चित्तौड़ा ने साल 2003 में पहली लघु पुस्तिका तत्कालीन उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के लिए बनाई थी और जब उन्होंने उसे शेखावत को प्रदान किया तो उन्होंने इस हुनर को आगे बनाए रखने के लिए आशीर्वाद दिया था। उसके बाद चित्तौड़ा महापुरुष और राजनेताओं पर छोटी पुस्तक तैयार कर चुके हैं।
जिनमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे, अशोक गहलोत, प्रमोद महाजन, किरण माहेश्वरी, गुलाबचंद कटारिया आदि शामिल हैं। वह भारतीय उत्सवों, देवी—देवताओं के अलावा कई जैन मुनियों पर भी सूक्ष्म पुस्तक तैयार कर चुके हैं।
1151 सूक्ष्म पुस्तकों का भंडार
सूक्ष्म पुस्तक तैयार करने के चित्तौड़ा के जुनून ने उनके पास 1151 सूक्ष्म पुस्तकों का भंडार बना लिया है। जिसमें सबसे छोटी 0.02 मिलीमीटर की तथा बड़ी पुस्तकों में दो इंच लंबाई और चौड़ाई वाली पुस्तकें हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहते हैं सूक्ष्म पुस्तक
चित्तौड़ा की प्रबल इच्छा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें सूक्ष्म पुस्तिका प्रदान करें। वह प्रधानमंत्री मोदी की जीवनी के अलावा उनके चलाए जा रहे अभियान यथा मन की बात, योग, स्वच्छ भारत अभियान विषयों पर पुस्तक तैयार कर चुके हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के लिए उदयपुर आए तब चित्तौड़ा ने उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन अनुमति नहीं मिली। हालांकि मोदी पर लिखी सूक्ष्म पुस्तिका उन्होंने प्रदेश के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के हाथों पहुंचाने की कोशिश की थी।
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