वर्ल्ड हैरिटेज दिवस विशेष: राजस्थान आए और कुंभलगढ़ नहीं देखा तो घूमना अधूरा, निर्माण में लगे थे पंद्रह साल
कुम्भलगढ़ का निर्माण 15वीं सदी में राणा कुंभा ने बनवाया था। यह किला इतना विशाल है कि इसे बनवाने में 15 साल का लंबा समय लगा। चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरे सबसे लंबी दीवार कुम्भलगढ़ के किले की है36 किलोमीटर लंबी है।

उदयपुर, सुभाष शर्मा। वर्ल्ड हैरिटेज दिवस पर यदि राजस्थान के कुंभलगढ की बात नहीं की जाए तो बात ही अधूरी रहती है और राजस्थान घूमने आएं और कुंभलगढ़ नहीं देखा तो राजस्थान भ्रमण भी अधूरा रहता है। दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार से घिरे कुंभलगढ़ राजपूत आन-बान और शान की मिसाल है। जिसकी चारदीवारी 36 किलोमीटर लंबी तथा चालीस फीट चौड़ी है। राजस्थान में प्रमुख छह किलों में शामिल आमेर का किला, गागरौन का किला, चित्तौड़गढ़ दुर्ग, जैसलमेर किला, रणथंबौर दुर्ग के अलावा कुंभलगढ़ शामिल है।
जून 2013 में पेन्ह में आयोजित वर्ल्ड हैरिटेज साइट की 37 वीं मीटिंग में इन सभी किलों को यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज साइट में शामिल किया गया था। इन किलों में कुंभलगढ़ दुर्ग बेहद खास है,जिसकी वजह इसकी चारदीवारी और अजेय रहना रहा है। किसी भी सेना के लिए इसे जीना बेहद ही मुश्किल था। इसके अजेय रहने के चलते इसे अजेयगढ़ भी कहा जाता है। सैकड़ों साल बीतने के बाद भी यह सीना ताने खड़ा है।
राजसमंद जिले में अरावली पर्वत माला के बीच समुद्र तल से करीब 3,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित कुम्भलगढ़ का किला राजस्थान में घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां हर साल देश विदेश के लाखों सैलानी घूमने आते हैं। उदयपुर जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर इस किले पर 19 वीं सदी तक मेवाड़ के शासकों का कब्जा रहा, बाद में यह आम जन के लिए खोल दिया गया। फिलहाल यह केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन है।
15 वीं सदी में हुआ था निर्माण, निर्माण में लगे पंद्रह साल
राजस्थान के इतिहास के मुताबिक कुम्भलगढ़ का निर्माण 15वीं सदी में राणा कुंभा ने बनवाया था। यह किला इतना विशाल है कि इसे बनवाने में 15 साल का लंबा समय लगा। यहां आने वालों को यह जानकार हैरानी होती है कि चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरे सबसे लंबी दीवार कुम्भलगढ़ के किले की है, जो 36 किलोमीटर लंबी है और पूरी तरह सुरक्षित भी है। यही वजह है कि यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की लिस्ट में जगह दी है। इसी किले में मेवाड़ के प्रमुख शासक रहे महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था। इस किले में लगभग 365 हिन्दू और जैन मंदिर हैं, जो बेहद ही खूबसूरत हैं। किले के चारों तरफ 13 पर्वत शिखर हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।
कभी जोधपुर की लाइट दिखती थी बादल महल से
कुंभलगढ़ की सबसे उंचे शिखर पर बादल महल स्थित है, जो दर्शकों के लिए खुला है। सोने की पेंटिंग तथा नीले और सफेद रंग से बने महल के अंदरूनी हिस्से को बादल महल कहा जाता है। बारिश में यह महल बादलों से घिर जाता है। कहा जाता है कि उसके उपर रात को चढ़कर दूरबीन से देखा जाए तो जोधपुर शहर की रोशनी को देखा जा सकता है।
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