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    Rajasthan :उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने गांव पहुंच बोले- मैं इस मिट्टी का लाल हूं, हर दिन आती है गांव की याद

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Thu, 08 Sep 2022 02:30 PM (IST)

    उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने गांव पहुंचे। उपराष्ट्रपति धनखड़ अपने गांव पहुंच बोले- मैं प्रत्येक व्यक्ति के लिए हमेशा तैयार रहूंगा। धनखड़ ने ...और पढ़ें

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    धनखड़ बोले,मैं इस मिट्टी का लाल हूं,हर दिन गांव की याद आती है

    जागरण संवाददाता,जयपुर। देश के उपराष्ट्रपति बनने के बाद जगदीप धनखड़ पहली बार बृहस्पतिवार को राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित अपने पैतृक गांव किठाना पहुंचे। यहां ग्रामीणों द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में धनखड़ ने कहा, मैं इस मिट्टी का लाल हूं और हर दिन गांव को याद करता हूं। उन्होंने कहा कि किसान परिवार का कोई व्यक्ति इस पद तक पहुंचा है, इसे देखकर संविधान निर्माता को बहुत बड़ा सुख मिलेगा।

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    उन्होंने कहा गांव के प्रत्येक व्यक्ति को मैने एक नजर से देखा है चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ हो। उन्होंने कहा कि किठाना गांव में आदर्श बनाना मेरे लिए परिकल्पना है। धनखड़ ने कहा कि गांव के बच्चे-बच्चियों को प्रारंभ में थोड़ा संकोच होता है। लेकिन बाद में मेहनत कर के दुनिया में आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति या राज्यपाल बनने के बाद गाड़ियों के कांच नीचे नहीं करना हमारी मजबूरी है। सुरक्षा के चलते हमें ऐसी गाड़ियों में चलना होता है। लेकिन यह मत समझना कि मैं आपसे दूर हूं। मैं प्रत्येक व्यक्ति के लिए हमेशा तैयार रहूंगा।

    उन्होंने लोगों से सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ लेने के लिए कहा। धनखड़ ने कहा कि बच्चे-बच्चियों को पढ़ाना आवश्यक है। लड़के-लड़की में फर्क मत करो। केंद्र सरकार की उज्जवला योजना की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना का ग्रामीणों को लाभ लेना चाहिए। महिलाओं को इस योजना से काफी लाभ हुआ है।

    स्कूल भवन का शिलान्यास किया

    सुबह करीब साढ़े आठ बजे सेना के हेलिकाप्टर से किठाना गांव पहुंचे धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश ने गांव में सरकारी स्कूल के भवन का शिलान्यास किया । इस स्कूल में उन्होंने खुद प्राथमिक कक्षा तक की पढ़ाई की है। इस स्कूल में पढ़ रहे बच्चों और शिक्षकों ने उनका अभिनंदन किया। इसके बाद धनखड़ ने गांव में स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना की और फिर अपने पैतृक घर पर गए। यहां उन्होंने स्वजनों एवं पुराने मित्रों से मुलाकात की। बचपन के एक मित्र को उन्होंने गले लगा लिया और उसके स्वजनों के हालचाल जाने। इसके बाद धनखड़ और उनकी पत्नी ने खाटूश्याम जी मंदिर व सालासर हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की।

    त्यौहार से कम नहीं था धनखड़ का गांव में पहुंचना

    उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे धनखड़ का ग्रामीणों ने अभिनंदन किया। गांव को सजाया गया और मिठाई बांटी गई। ग्रामीण परंपरा के अनुसार लोगों ने परंपरागत नृत्य, ढोल-मजीरों और डीजे सहित अपने-अपने तरीकों से धनखड़ का स्वागत किया। ग्रामीणों ने कहा आज का दिन हमारे लिए किसी त्यौहार से कम नहीं है। आसपास के गांवों के लोग भी धनखड़ का अभिनंदन करने पहुंचे। उनके भाई विजयपाल ने कहा कि परिवार ही नहीं पूरे गांव में उत्साह है। धनखड़ ने अपने फार्म हाउस पर बच्चों के लिए नि:शुल्क कंप्युटर प्रशिक्षण केंद्र एवं वाचनालय संचालित कर रखा है। 

    धनखड़ ने कहा, स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका जरूरी

    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार शाम को जयपुर में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की और से आयोजित सम्मान समारोह में कहा कि हमारे देश की फ्री फेयर इंडिपेंडेंट ज्यूडिशियरी (स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका ) लोकतंत्र के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। मैं इसका पुरजोर समर्थन करता हूं। मेरा मानना है कि न्यायाधीश का हर हाल में सम्मान होना चाहिए। न्यायाधीश जितना मुश्किल काम करते हैं।उससे वह लोग खुद का बचाव नहीं कर सकते। इसलिए बार काउंसिल को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। समारोह में राजस्थान के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम.एम श्रीवास्तव के साथ ही वकील मौजूद थे।