बारिश और ओलावृष्टि से फसल खराब होने को लेकर राजस्थान विधानसभा में हंगामा
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा कि क्या किसानों को विशेष पैकेज या सहायता दी जा सकती है। इस पर मेघवाल ने मंत्रिमंडल की बैठक में विचार करने की बात कही। प्रतिपक्ष ने सरकार द्वारा किसानों को तत्काल सहायता देने की मांग की।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के कई क्षेत्रों में शनिवार को लगातार तीसरे दिन बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी रहा। जयपुर, कोटा, भरतपुर संभाग के कई क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि हुई। तेज हवाओं का दौर भी चला। बिना मौसम की बारिश से खेतों में पड़ी किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। शनिवार से लेकर सोमवार तक हुई बारिश से गेंहू, चना, जौ, ईसबगोल, जीरा आदि फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
सोमवार को विधानसभा में खूब हुआ हंगामा
बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान के मुद्दे पर सोमवार को विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। प्रतिपक्ष के विधायकों ने फसल खराब होने के एवज में मुआवजे के मुद्दे पर पहले तो सरकार को घेरा और फिर बहिर्गमन किया। प्रतिपक्ष के विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी भी की। इससे पहले आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि जनवरी से लेकर मार्च तक पाला, शीतलहर और ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों में 33 फीसदी से ज्यादा खराब हुए हैं। किसानों को शीघ्र राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से इनपुट सब्सिडी के तौर पर सहायता दी जाएगी। साथ ही नुकसान की विशेष गिरदावरी करवाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में आमतौर पर 103 लाख हेक्टेयर में रबी की फसल की बुवाई होती है। इस बार 109.55 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है। जनवरी से शीतलहर में फसल खराब होने पर गिरदावरी करवाई गई थी। शीतलहर से दस जिलों में 33 फीसद फसल खराब हुई थी जिससे 20 लाख 85 हजार 317 किसान प्रभावित हुए थे। लगातार तीन दिन तक हुई बारिश और ओलावृष्टि की गिरदावरी करवाई जा रही है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा कि क्या किसानों को विशेष पैकेज या सहायता दी जा सकती है। इस पर मेघवाल ने मंत्रिमंडल की बैठक में विचार करने की बात कही। प्रतिपक्ष ने सरकार द्वारा किसानों को तत्काल सहायता देने की मांग की। प्रतिपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस बार किसानों पर चार-चार बार कहर टूटा है। सरकार ने गिरदावरी के नाम पर लीपापोती की है। अब तक राजस्व विभाग के कर्मचारी क्षेत्रों में नहीं गए हैं। सरकार ने कलक्टरों को आदेश दिया है कि उन्हे 33 फीसदी से ज्यादा खराबा नहीं दिखाना है।