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    यूपी के जेएस विश्वविद्यालय ने बेची एक ही सत्र की 1200 फर्जी डिग्रियां, पेन ड्राइव की जांच में हुआ पर्दाफाश

    Updated: Wed, 12 Mar 2025 12:08 AM (IST)

    शिकोहाबाद स्थित निजी जेएस विश्वविद्यालय के कुलपति ने दलालों के साथ मिलकर एक ही शिक्षा सत्र के बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) की 1200 डिग्रियां बेच दीं। फर्जीवाड़े की जांच कर रही राजस्थान एसओजी ने विश्वविद्यालय के लेखाधिखारी सुमित के पास से एक पेन ड्राइव जब्त किया है जिसमें डिग्रियों को बांटने का पूरा दस्तावेज संलग्न है। इस मामले में अन्य कई जानकारियां भी सामने आई हैं।

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    यूपी के जेएस विश्वविद्यालय ने बेची एक ही सत्र की 1200 फर्जी डिग्रियां। (फोटो- इंटरनेट मीडिया)

    जेएनएन, जयपुर। उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के शिकोहाबाद स्थित निजी जेएस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सुकेश कुमार और रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा ने दलालों के साथ मिलकर एक ही शिक्षा सत्र के बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) की 1200 डिग्रियां बेच दीं।

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    नियमों के तहत विश्वविद्यालय को एक सत्र में अधिकतम 150 सीटें आवंटित थीं। जिन युवाओं को डिग्रियां दी गईं, उनका सत्र 2016-2018 बताया गया, जबकि फीस जमा करने का वर्ष 2021 दर्शाया गया।

    पेन ड्राइव से खुला राज

    फर्जीवाड़े की जांच कर रही राजस्थान एसओजी ने विश्वविद्यालय के लेखाधिखारी सुमित के पास से एक पेन ड्राइव जब्त किया है, जिसमें डिग्रियों को बांटने का पूरा दस्तावेज संलग्न है। इसमें वह दस्तावेज भी मिला है, जिसमें उल्लेख है कि किस दलाल के कहने से कितने पैसे लेकर कितनी डिग्रियां दी गईं। जिन युवकों को डिग्री दी गई, उनमें 90 फीसद कभी विश्वविद्यालय पहुंचे ही नहीं। दलाल से पैसे लेकर कुलाधिपति और रजिस्ट्रार ने डिग्रियां दे दीं।

    बीपीएड की फर्जी डिग्री लेने वाले अधिकतर युवक राजस्थान के हैं। उन्होंने राजस्थान सरकार की ओर से वर्ष 2022 में आयोजित शारीरिक भर्ती परीक्षा में भाग लिया और चयनित हुए। बता दें कि मामला सामने के आने के बाद सरकार ने भर्ती हो चुके 134 शारीरिक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है।

    आमने-सामने बिठाकर हो रही पूछताछ

    • अतिरिक्त महानिदेशक वीके सिंह के निर्देशन में जांच कर रही एसओजी के अधिकारी गिरफ्तार कुलाधिपति, रजिस्ट्रार, दलाल और लेखाधिकारी को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ कर रहे हैं। यह सामने आया है कि राजस्थान में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती की विज्ञप्ति जारी होने के बाद से ही फर्जी डिग्री का खेल शुरू हो गया था।
    • दलाल अजय भारद्वाज को जब विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी डिग्री और अंक तालिकाएं पैसे लेकर देने के बारे में पता चला तो उसने कुलाधिपति डॉ. सुकेश से संपर्क किया। उसके जरिए पैसे लेने के 15 से 20 दिनों के अंदर डिग्री दे दी गई।
    • सुकेश आगरा के बाहे में संचालित सरकारी कालेज का प्राचार्य है। उसने वर्ष 2015 में अपने पिता के नाम से विश्वविद्यालय खोला। पिछले सप्ताह विदेश फरार होने के पहले एसओजी ने सुकेश को दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया। सुकेश राजस्थान में दो निजी विश्वविद्यालय खोलने की योजना भी बना रहा था।