विस्फोट से चार घंटे पहले ही गुजरी थी उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन, 13 दिन पहले ट्रैक का PM मोदी ने किया था उद्घाटन
उदयपुर—अहमदाबाद के बीच पहले मीटर गेज लाइन थी। तब उदयपुर से अहमदाबाद के बीच ट्रेन का संचालन होता था। इस लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने का काम आठ साल पहले शुरू हुआ और उदयपुर—अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्र्रेनों को ब्रेक लग गया था।

उदयपुर, संवाद सूत्र। उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉड गेज रेलवे लाइन को विस्फोटक के जरिए उड़ाने की खतरनाक साजिश रची गई है। घटना के चार घंटे पहले ही गुजरी थी ट्रेन उदयपुर से लगभग तीस किलोमीटर आगे ओड़ा स्थित पुल पर विस्फोट कर ट्रेक को उड़ाने की कोशिश की गई है, वहां से चार घंटे पहले ही उदयपुर से अहमदाबाद चलने वाली यात्री ट्रेन निकली थी। यह वहीं रेलवे लाइन है, जिसे ब्रॉड गेज में बदलने के बाद 13 दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने रेल के संचालन को हरी झंडी दिखाई थी।
उदयपुर—अहमदाबाद के बीच पहले मीटर गेज लाइन
उदयपुर—अहमदाबाद के बीच पहले मीटर गेज लाइन थी। तब उदयपुर से अहमदाबाद के बीच ट्रेन का संचालन होता था। इस लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने का काम आठ साल पहले शुरू हुआ और उदयपुर—अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्र्रेनों को ब्रेक लग गया था। काम पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 31 अक्टूबर को एक बार इस ट्रेक पर रेल का संचालन की हरी झंडी दिखाई। अहमदाबाद के असावरा रेलवे स्टेशन पर उन्होंने ब्रॉड गेज की पहली अहमदाबाद—उदयपुर यात्री गाड़ी को रवाना किया।
जयपुर—अहमदाबाद ट्रेन चलाने की भी तैयारी पूरी
उसी शाम उदयपुर से भी उदयपुर—अहमदाबाद ट्रेन रवाना हुई, जिसे राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने हरी झंडी दिखाई थी। इस ट्रेक पर कोटा—अहमदाबाद तथा जयपुर—अहमदाबाद ट्रेन चलाने की भी तैयारी पूरी की जा चुकी है और उसका टाइम—टेबल जारी किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने दिए डीजीपी को डिटेल जांच के निर्देश
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने उदयपुर-अहमदाबाद रेल मार्ग के ओडा रेलवे पुल पर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाने की घटना को चिंताजनक बताया और पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा से डिटेल जांच के निर्देश दिए हैं।
किसने क्या कहा
उदयपुर जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि मौके पर हालात देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि यह बदमाशों की बड़ी साजिश है। ग्रामीणों की सजगता के चलते बड़ा हादसा टल गया। उन्होंने अहमदाबाद से उदयपुर आने वाली यात्री ट्रेन के आने से पहले प्रशासन, पुलिस तथा रेलवे के अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी थी। लगता है कि विस्फोट के लिए खनन में काम आने वाले विस्फोटक को काम लिया गया। इससे पटरियों में क्रेक आए हैं। पटरियों पर लगे नट-बोल्ट भी गायब हैं।
उदयपुर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने कहा कि शुरुआती जांच से यह प्रतीत होता है कि पूरी तरह प्लानिंग कर ब्लास्ट किया गया है। मौके से डेटोनेटर भी मिला है, जो सुपर 90 श्रेणी का है। बम स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पहुंचकर सबूत जुटाए हैं। शाम तक पता लग जाएगा कि पटरियों को किस तरह के विस्फोटक से उड़ाने का प्रयास किया है।
उदयपुर जावर माइंस थानाधिकारी अनिल विश्नोई ने कहा कि माइनिंग ब्लास्ट में काम आने वाली सामग्री का उपयोग किया गया है। देसी विस्फोटक सामग्री मिली है। फिलहाल हर एंगल पर जांच कर रहे हैं।

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