Rajasthan : दो नये शावक आने के बाद सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों का कूनबा बढ़ा
दो नये शावक आने के बाद सरिस्का रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़कर 22 हो गया है । इससे पहले एसटी-14 ने एसटी-17 व एसटी-18 को जन्म दिया था । बाघिन एसटी-14 करीब 6 साल पहले सरिस्का रिजर्व में ही पैदा हुई थी ।

जयपुर, जागरण संवाददाता। सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों का कूनबा बढ़ा है। बाघिन एसटी-14 दो शावकों के साथ वन विभाग की ओर से लगाए गए कैमरों में कैद हुई है। दो नये शावक आने के बाद सरिस्का रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़कर 22 हो गया है। इससे पहले एसटी-14 ने एसटी-17 व एसटी-18 को जन्म दिया था। बाघिन एसटी-14 करीब 6 साल पहले सरिस्का रिजर्व में ही पैदा हुई थी । इसकी मां का नाम एसटी-2 था । एसटी-2 ने बाघ एसटी-13 को भी जन्म दिया था।
उल्लेखनीय है कि साल,2004 से पहले सरिस्का रिवर्ज बाघ विहिन हो गया था। शिकारियों की नजर इस रिजर्व पर काफी थी। यहां कभी बाघों का शिकार हुआ तो कभी बीमारी से मौत हुई। इसके बाद सरकार ने इस रिजर्व को फिर से आबाद करने की योजना बनाई। फिर पहली बार साल, 2008 में रणथंभौर से यहां दो बाघ-बाघिन लाए गए। इसके बाद सरिस्का रिजर्व फिर से आबाद होने लगा।
रणथंभौर से यहां शिफ्ट की गई बाघिन एसटी-10 ने 6 शावकों को जन्म दिया था। सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ने से वन विभाग के अधिकारी,पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग व वन विशेषज्ञ काफी खुश है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघों का कूनबा बढ़ने से सरिस्का में पर्यटकों की आवाजाही अधिक बढ़ेगी । उधर सरकार ने सरिस्का के साथ ही रणथंभौर व मुकुंदरा हिल्स में बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए पेड़ों पर ट्रेकिंग कैमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। वन विशेषज्ञ बाबूलाल जाजू का कहना है कि सरकार को बाघों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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