Rajasthan: विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के पीछे नाथद्वारा में शिवजी दर्शन के बाद बंजी जंपिंग का रोमांच
नाथद्वारा में रामकथा के दाैरान शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम के लोकार्पण के साथ ही पर्यटकों को और भी कई सौगातें मिलने जा रही हैं जो प्रदेश में पहली बार होगा। 369 फीट ऊंची शिव प्रतिमा के परिक्षेत्र में बंजी जंपिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। नाथद्वारा की पहचान श्रीनाथ मंदिर, विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा से होती है लेकिन अब पर्यटकों को बंजी जंपिंग का रोमांच भी यहां मिलने जा रहा है। शिव प्रतिमा के पिछले हिस्से में प्रदेश की सबसे ऊंची बंजी जंपिंग के लिए टावर बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही यहां आने वाल पर्यटक इसका रोमांच उठा पाएंगे।
नाथद्वारा में रामकथा के दाैरान शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' के लोकार्पण के साथ ही पर्यटकों को और भी कई सौगातें मिलने जा रही हैं, जो प्रदेश में पहली बार होगा। 369 फीट ऊंची शिव प्रतिमा के परिक्षेत्र में बंजी जंपिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है।
अमेरिका आर थाइलेंड से बुलाए गए विशेष ट्रेनर
विश्वस्तरीय सुरक्षा उपकरणों के साथ इसके टॉप पर जाने के लिए लिफ्ट के साथ ही 10 मीटर का ग्लास वॉक रूट बनाए जाने की तैयारी अंतिम चरण पर है। बंजी जम्पिंग के उपयोग में आने वाले रस्से भी अमेरिका से मंगवाए गए हैं। बंजी जंपिंग के लिए अमेरिका और थाईलैंड के ट्रेनर नाथद्वारा आ चुके है, जो बंजी जम्पिंग को ऑपरेट करने को लेकर यहां के स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग देंगे। यह ट्रेनर जंप से पहले पर्यटकाें को बंजी जम्पिंग की पूरी जानकारी व सेफ्टी के बारे में बताएंगे। साथ ही लिफ्ट और रस्सों की नियमित जांच करेंगे, ताकि कोई हादसा नहीं हो।
देश की सबसे ऊंची बंजी जंपिंग ऋषिकेश में,वहीं से आया आइडिया
देश में सबसे ऊंची बंजी जंपिंग ऋषिकेश में है, जिसकी ऊंचाई 83 मीटर है। यह जंपिंग नेचुरल वैली में बनी हुई है। जबकि टावर आधारित सबसे ऊंची बंजी जंपिंग अब नाथद्वारा में बनने जा रही है, जिसकी ऊंचाई 56.5 मीटर है। यूं तो देश में अन्य कुछ जगह टावर और क्रेन आधारित बंजी जंपिंग है, लेकिन उनकी ऊंचाई इतनी नहीं।
ऋषिकेश में प्रख्यात संत मोरारी बापू की रामकथा के आयोजन के दौरान वहां देखी बंजी जंपिंग का रोमांच जब लोगों में देखा तो नाथद्वारा के उद्यमी मदन पालीवाल के मन में यहां आने वाले पर्यटकों को रोमांच भरी सौगात देने का निर्णय लिया। धार्मिक नगरी को पर्यटन शहर बनाने के लिए यह कदम उठाया।
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