Rajasthan: ड्रग की तस्करी में तीन गिरफ्तार, मेघालय से तस्करी कर लाए थे तीन करोड़ की ड्रग
Rajasthan एटीएस ने मेथाडोन की तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है। मेघालय से ड्रग की तस्करी करने वाले तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कब्जे से पांच किलो 700 ग्राम मेथाडोन ड्रग बरामद की है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मेथाडोन (एमडी) की तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है। मेघालय से ड्रग की तस्करी करने वाले तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कब्जे से पांच किलो 700 ग्राम मेथाडोन ड्रग बरामद की है। एटीएस ने बुधवार को बारां जिले के शाहबाद में इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़ ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के बाद विभाग की टीम ने गुजरात नंबर की एक कार को रुकवाया। कार में राजस्थान के प्रतापगढ़ निवासी दिनेश,आसिफ खान और दिलावर सिंह बैठे थे। पूछताछ में तीनों लोग घबरा गए। इस पर एटीएस की टीम ने सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने खुद के पास मेथाडोन ड्रग होने की बात स्वीकार की। इस पर टीम ने कार में से पांच किलो 700 ग्राम ड्रग बरामद की। इसका बाजार भाव 50 लाख रुपये प्रति किलो बताया गया है।
मेघालय से तस्करी कर लाए थे ड्रग
तस्कर प्रति एक ग्राम के पांच हजार रुपये वसूलते हैं। इस लिहाज से एटीएस ने दो करोड़ 80 लाख रुपये की ड्रग बरामद की है। एटीएस की टीम तीनों बदमाशों से पूछताछ कर रही है। इस मामले में और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। राठौड़ ने बताया कि तीनों तस्करों ने माना कि वह मेघालय से ड्रग लेकर आए थे और यहां अलग-अलग स्थानों पर बेची जानी थी। एक-दो दिन में मामले के ज्यादा खुलासा होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि साल, 2011 में सेंट्रल ब्यूरो आफ नारकोटिक्स ने चित्तौड़गढ़ जिले के ओछेड़ी गांव में सवा तीन करोड़ रुपए की ड्रग बरामद की थी।
गौरतलब है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने नशीली (प्रतिबंधित) दवाओं के तस्कर से मिलीभगत करने पर अजमेर के तीन पुलिस अधिकारियों को रेंज से बाहर भेजने का आदेश दिया था। इसमें अजमेर में पदस्थापित पुलिस उप अधीक्षक मुकेश सोनी, क्लाक टावर पुलिस थाने के थाना अधिकारी दिनेश कुमावत और एसओजी में पुलिस निरीक्षक भूराराम शामिल हैं। इन अधिकारियों ने स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम-1985 (एनडीपीसी एक्ट) के मुख्य आरोपित श्याम सुंदर मूंदड़ा को बचाने का प्रयास किया था। जस्टिस फरजंद अली ने कहा कि पुलिस की गरिमा और सम्मान को बचाने के लिए पुलिस महानिदेशक मामले को व्यक्तिगत रूप से देखें।
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