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सफलता का मूलमंत्र डू यूअर बैस्ट, लीव द रेस्ट: डॉ. स्वतन्त्र शर्मा

सत्र में विद्यार्थियों को श्वसन के अभ्यासों के साथ ही शिथिलीकरण अभ्यास सिखाए गए तथा बीजमंत्रों के साथ सूर्यनमस्कार का अभ्यास सिखाया गया। इसके अतिरिक्त मन को शांत रखने के लिए आसन कराए गए तथा कपालभाति क्रिया नाड़ी शुद्धि प्राणायाम एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास भी कराया गया।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghPublished: Wed, 29 Mar 2023 10:11 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2023 10:11 PM (IST)
सफलता का मूलमंत्र डू यूअर बैस्ट, लीव द रेस्ट: डॉ. स्वतन्त्र शर्मा
सफलता का मूलमंत्र डू यूअर बैस्ट लीव द रेस्ट

अजमेर, राज्य ब्यूरो। एक विचार लो। उसे अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जीओ। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूबो दो और बाकी सभी विचारों को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका है। स्वामी विवेकानन्द के इस विचार से विश्व में महान व्यक्तित्वों का निर्माण हुआ है। कार्य करते समय केवल कार्य का चिंतन करना और परिणाम को ईश्वर के चरणों में समर्पित करने का भाव रखना ही जीवन में न केवल सफलता प्राप्त होती है अपितु चिंता एवं तनाव भी दूर रहता है।

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उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रान्त कार्यपद्धति प्रमुख डॉ. स्वतन्त्र शर्मा ने क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, अजमेर के बीएससी, बीएड के विद्यार्थियों को त्रिदिवसीय योग सत्र के समापन के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने व्यक्तित्व के पांच आयामों की व्याख्या करते हुए कहा कि हमारे अस्तित्व के पांच भाग होते हैं जिसमें पहला शरीर होता है तथा दूसरा उसे चलाने वाली ऊर्जा जिसे प्राण कहते हैं। तीसरा इस प्राण का स्रोत मन होता है तथा चैथा मन को दिशा देने वाली शक्ति बुद्धि होती है। पांचवा और अंतिम आयाम इन चारों के योग से बनता है जिसे आनन्द कहते हैं और यही योग का अंतिम लक्ष्य है।

इस योग सत्र में विद्यार्थियों को श्वसन के अभ्यासों के साथ ही शिथिलीकरण अभ्यास सिखाए गए तथा बीजमंत्रों के साथ सूर्यनमस्कार का अभ्यास सिखाया गया। इसके अतिरिक्त मन को शांत रखने के लिए आसन कराए गए तथा कपालभाति क्रिया, नाड़ी शुद्धि प्राणायाम एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास भी कराया गया। विवेकानन्द केन्द्र अजमेर के युवा प्रमुख अंकुर प्रजापति ने अभ्यासों का प्रदर्शन किया तथा सत्र समन्वयक डॉ. ओपी मीना थे तथा प्रो0 आयुष्मान गोस्वामी का सत्र में मार्गदर्शन रहा।

स्कूल शिक्षा विभाग के 2251 पदों की हुई डीपीसी

राजस्थान लोक सेवा आयोग में बुधवार को स्कूल शिक्षा विभाग के 2251 पदों की डीपीसी बैठक का आयोजन आयोग सदस्य जसवंत सिंह राठी की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में प्राचार्य के 1941 पद, प्राध्यापक (शारीरिक शिक्षा) के, 64 पद पुस्तकालयाध्यक्ष (प्रथम श्रेणी) के 27 पद वर्ष 2022-23 तथा कोच (विभिन्न खेल) के 14 पद वर्ष 2019-20, 2022-23 के पदौन्नति प्रकरणों पर विचार किया गया।

स्कूल शिक्षा (उदयपुर संभाग) में वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष वर्ष 2021-22 के 65 पद एवं वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक वर्ष 2021.22 के 140 पदों के पदौन्नति प्रकरणों पर भी बैठक में विचार किया गया। निदेशक माध्यमिक शिक्षा गौरव अग्रवाल, उप शासन सचिव शिक्षा ग्रुप-5 विभाग सतीश कुमार गर्ग, उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं स्टाम्प विभाग श्रीमती अनीता चौधरी एवं संबंधित संभाग के संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा बैठक में सम्मिलित हुए।


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